22 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा,9 राज्यों की पुलिस के साथ मंथन

Uttarakhand News

(देहरादून)03जुलाई,2024.

“कांवड़ यात्रा” के लिए उत्तर भारत के कई राज्यों से लोग उत्तराखंड आते हैं। भले ही इस पूरी यात्रा का मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड है। लेकिन देवभूमि के आसपास के कई राज्य भी इस यात्रा में शामिल होते हैं, यही कारण है कि देहरादून पुलिस मुख्यालय में देश के नौ राज्यों की पुलिस ने “कांवड़ यात्रा” की तैयारी पर विचार किया। उस समय उत्तराखंड की पुलिस भी उपस्थित थी, साथ ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और चंडीगढ़ भी। रेलवे सुरक्षा बल और सीआरपीएफ के अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
22 जुलाई से 2 अगस्त तक कांवड़ यात्रा होगी। इसके लिए उत्तराखंड में बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस दौरान पुलिस को ऐसे कई मुद्दे सामने आते हैं। पुलिस इसके लिए बहुत पहले से तैयार है। इसमें सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन शामिल हैं। कांवड़ यात्रा उत्तराखंड और कई पड़ोसी राज्यों पर भी असर डालती है। श्रद्धालु देश के कई राज्यों से कांवड़ लेकर उत्तराखंड पहुंचते हैं। ऐसे में, विभिन्न राज्यों के आपसी समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
पिछले 15 से 20 सालों में कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इसलिए कांवड़ क्षेत्र को 15 सुपर जोन, 36 जोन और 130 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। इसमें लगभग 7 हजार पुलिसकर्मी लगाए गए हैं।
खासकर, कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने अस्पताल और स्कूल क्षेत्र के आसपास शोर शराबे को कम करने की बात जरूर कही है। यही बात उत्तर प्रदेश में भी होगी, जहां डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। साथ ही, यह भी कहा गया है कि किसी भी हिंसक या हिंसक पक्ष से सख्ती से निपटने का निर्णय लिया गया है।
यात्रा में सीसीटीवी कैमरा और ड्रोन उपलब्ध होंगे। हरिद्वार में भी एक विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा,जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ साझा किया जाएगा। इस दौरान सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी और साइबर टीम भी भ्रामक प्रचार या अफवाहों को लेकर तैयार रहेगी।

यह भी बताया गया है कि कांवड़ियों को कांवड़ मेले में 7 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं बनाने और रेल की छतों पर सफर नहीं करने के निर्देश हैं।

इस दौरान यातायात पर भी विशेष ध्यान देने पर चर्चा हुई। कांवड़ मेले में आने वाले लोगों की संख्या के अनुसार यातायात रूट प्लान में बदलाव भी किया जा सकता है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए चारधाम यात्रा के लिए अलग-अलग मार्ग बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट पर भी संगठन चेक अभियान चलाया जाएगा। चर्चा की गई कि बॉर्डर के मिश्रित आबादी वाले इलाकों में भी अतिरिक्त पुलिस बल लगाए जाएंगे।(साभार)

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