(प्रयागराज UP)11जनवरी,2025.
पौष पूर्णिमा के प्रथम स्नान पर्व की डुबकी के साथ 13 जनवरी को कल्पवास आरंभ होगा, लेकिन पुण्य की कमाई के लिए संगम की रेती पर गृहस्थी जमाने के लिए देश के कोने-कोने से कल्पवासी शुक्रवार को ही उमड़ पड़े।
पांटून पुलों से लेकर चकर्ड प्लेट के मार्गों तक तिल रखने की जगह नहीं बची। इसी के साथ विश्व के सबसे बड़े आयोजन के रूप में महाकुंभ गुलजार हो गया।
ट्रैक्टर-ट्रालियों पर महीने भर की गृहस्थी लेकर लोग शिविरों में पहुंचने लगे हैं।
दो दिन बाद पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ मास पर्यंत जप, तप, ध्यान का मेला आरंभ हो जाएगा। इसके लिए देश- दुनिया के हर कोने से कल्पवासी अपने पोते-पोतियों, बेटे-बहुओं के साथ निकल पड़े हैं।
शुक्रवार को अमेठी के शिवराम त्रिपाठी अपनी पत्नी सुनयना देवी के साथ पूरे साजो- सामान के साथ पहुंचे, तो गोरखरपुर से सेवानिवृत सीएमओ राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी अपनी गृहस्थी के साथ देर रात सेक्टर 18 स्थित अपने कल्वासी शिविर में लंबी मशक्कत के बाद पहुंचे।
इसी तरह जौनपुर, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, वाराणसी, रीवा और बिलासपुर से बड़ी संख्या में कल्पवासी बांस, लकड़ी, पुआल के बीच गृहस्थी लेकर देर रात तक शिविरों में पहुंचते रहे।
तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा प्रशासन:
मेला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है और कल्पवासी अपनी गृहस्थी सजाने में जुट गए हैं। गंगा-यमुना के किनारे के स्नान घाटों से लेकर संगम की सर्कुलेटिंग एरिया में पुआल बिछाने का काम तेज कर दिया गया है, ताकि रेत पर कीचड़ न फैलने पाए और स्नानार्थियों को सर्दी से बचाया जा सके।
इसी के साथ सभी 25 सेक्टरों में पांटून पुलों के प्रवेश और वापसी मागों के अलावा तिराहों, चौराहों पर पुलिस व पैरामिलिट्री के जवानों को तैनात कर दिया गया है। इस ठंड में श्रद्धालुओं की सेहत का ख्याल रखने के लिए बड़ी संख्या में चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती कर दी गई है(साभार एजेंसी)