पीआरडी जवानों के लिए बनेगा विशेष प्रशिक्षण संस्थान -सीएम धामी

Uttarakhand News

(देहरादून)11दिसंबर,2025.

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ननूरखेड़ा, देहरादून स्थित निदेशालय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल परिसर में आयोजित प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्होंने दिवंगत पीआरडी स्वयंसेवकों के आश्रितों को सहायता राशि और पीआरडी जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति के चेक वितरित किए।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पीआरडी जवानों के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान किसी पीआरडी जवान को अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो उसे ड्यूटी पर ही माना जाएगा और अधिकतम छह माह तक का मानदेय प्रदान किया जाएगा। साथ ही ग्राम अस्थल रायपुर में एक खेल मैदान का निर्माण भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीआरडी जवान धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के साथ प्रदेश में सुरक्षा और जनसेवा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यातायात व्यवस्था, सुरक्षा, लिपिकीय कार्यों, विभागीय दायित्वों और प्राकृतिक आपदाओं की परिस्थितियों में पीआरडी जवानों ने हमेशा सराहनीय कार्य किया है। चार धाम यात्रा के दौरान भी जवानों ने लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पीआरडी जवानों के कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। राज्य गठन के समय जहां पीआरडी जवान प्रतिदिन मात्र 65 रुपये भत्ता पाते थे, वहीं अब इसे 10 गुना बढ़ाकर 650 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। आश्रित बच्चों को छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। मृत एवं घायल जवानों तथा उनके परिजनों को 70 लाख रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि 10 वर्ष सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले जवानों को 18 लाख रुपये का एकमुश्त सेवा-भत्ता दिया जा रहा है। साम्प्रदायिक दंगों या अति-संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु होने पर मुआवजा राशि भी बढ़ाई गई है। अब सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु पर एक लाख रुपये, अति-संवेदनशील ड्यूटी पर डेढ़ लाख रुपये और साम्प्रदायिक दंगों में शहादत पर दो लाख रुपये दिए जाएंगे। प्राकृतिक आपदा में नुकसान होने पर अधिकतम 50,000 रुपये की सहायता का प्रावधान भी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2023 में मृत एवं अपंग जवानों के आश्रितों को पीआरडी जवान के रूप में पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसके तहत अब तक पंजीकृत 190 आश्रितों में से 133 को रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है। इस माह 149 पंजीकृत आश्रितों को अर्द्धसैन्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा ताकि वे भविष्य में अधिक दक्षता के साथ दायित्व निभा सकें।

कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि पीआरडी जवान हमेशा हर परिस्थिति में सेवा के लिए अग्रिम पंक्ति में रहते हैं — चाहे चुनाव हों, पर्व-त्योहार हों, आपदा हो या सामान्य दिन। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने पीआरडी जवानों के हित में अनेक ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। वर्ष 2022 से पीआरडी स्थापना दिवस को भव्य रूप से मनाया जा रहा है और वर्तमान में 7,500 से अधिक पीआरडी जवान अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

कार्यक्रम में विधायक उमेश शर्मा काऊ, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, अपर निदेशक युवा कल्याण राकेश डिमरी सहित अनेक अधिकारी एवं अतिथि उपस्थित रहे।

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