(देहरादून)05नवंबर,2025.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दून विश्वविद्यालय में राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के अंतर्गत आयोजित “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदाओं में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट का मौन भी रखा गया।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि की संस्कृति, परंपराओं और मातृभूमि के गौरव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं। प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विशिष्ट लोक संस्कृति, भाषा और बोली में झलकने वाली आत्मीयता हमें विश्वभर में जोड़ती है। राज्य सरकार ने प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन इसी उद्देश्य से किया है ताकि उनके सुझाव और अनुभव राज्य के विकास की मुख्यधारा में शामिल किए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनेक प्रवासी स्वयं अपने गांवों को गोद लेकर विकास में योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार “विकसित भारत, विकसित उत्तराखंड” के लक्ष्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। “एक जनपद दो उत्पाद”, “हाउस ऑफ हिमालयाज़”, “स्टेट मिलेट मिशन”, “नई पर्यटन नीति”, “वेड इन उत्तराखंड” और “सौर स्वरोजगार योजना” जैसी योजनाओं से स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने सतत विकास लक्ष्यों में नीति आयोग की रैंकिंग में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में “एचीवर्स” तथा “स्टार्टअप रैंकिंग” में “लीडर्स” श्रेणी राज्य के सुनियोजित प्रयासों का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि राज्य में लागू सख्त नकल-विरोधी कानून के परिणामस्वरूप चार वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवा प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि स्वर्ण जयंती वर्ष तक उत्तराखंड ऐसा राज्य बने जहां हर युवा को सम्मानजनक रोजगार मिले, पलायन रुके और प्रवासियों की गौरवपूर्ण वापसी हो। “विकास भी, विरासत भी” की भावना के साथ राज्य सांस्कृतिक समृद्धि और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों से राज्य के विकास अभियान में भागीदार बनने का आह्वान किया।
पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि उत्तराखंड की विरासत ईमानदारी और परिश्रम पर आधारित है, यही कारण है कि राज्य के लोग देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रवासी अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे और राज्य के विकास में योगदान देंगे।
विधायक श्री विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड की कई हस्तियों ने देश में विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने प्रवासियों से आग्रह किया कि वे जिस भी क्षेत्र में दक्ष हैं, उसमें राज्य को सहयोग दें।
दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड हमारी आत्मा और संस्कृति की धरोहर है और मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में राज्य निरंतर प्रगति कर रहा है।
प्रवासी उत्तराखंडी और प्रसिद्ध अभिनेत्री श्रीमती हिमानी शिवपुरी ने बताया कि उन्होंने रुद्रप्रयाग में अपने पैतृक गांव को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है, इसलिए हमें अपनी परंपराओं को आगे बढ़ाना होगा।
राजस्थान के मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि आज का दिन हमारी संस्कृति, मिट्टी और अपनत्व के उत्सव का प्रतीक है। उन्होंने राज्य की प्रगति में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, जैविक कृषि और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि राज्य इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक मजबूती की दिशा में अग्रसर है। राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन और पारदर्शी नीतियों ने राज्य को नई पहचान दिलाई है।
भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय में निदेशक श्री पूर्णेश गुरूरानी ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड में फैशन डिजाइनिंग और हिमालय फाइबर के विकास की संभावनाओं को साकार किया जा सकता है। उन्होंने टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में प्रवासी उत्तराखंडियों ने राज्य के विकास के लिए अपने सुझाव और संभावित योगदान साझा किए।
इस अवसर पर विधायक श्री किशोर उपाध्याय, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल सहित प्रदेश और देशभर से आए प्रवासी उपस्थित थे।
