( नैनीताल ) 26जून,2025.
नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी मंदिर के चढ़ावे की चोरी के मामले में रीना बिष्ट को अग्रिम जमानत दे दी और मंदिर का प्रबंधन अगले आदेश तक बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने के निर्देश दिए। कोर्ट ने मंदिर परिसर में अवांछित गतिविधियों पर सख्त नाराजगी जताते हुए संबंधित व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की, जिसमें हरिद्वार के डीएम और एसएसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। रीना बिष्ट ने अग्रिम जमानत याचिका दायर कर कहा था कि चंडी मंदिर के तत्कालीन महंत रोहित गिरी ने उनके साथ अवैध संबंध बनाए और ब्लैकमेलिंग के लिए 5.5 लाख रुपये की एफडी बनाई। रीना ने बताया कि उनकी पहली शादी टूटने और दूसरी शादी में उपेक्षा के बाद रोहित ने उन्हें अपने घर में रखा। जनवरी 2025 में दोनों की बेटी का जन्म हुआ।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 14 मई 2025 को पंजाब पुलिस ने रोहित गिरी को छेड़छाड़ के एक मामले में गिरफ्तार किया। इसके बाद रीना को मंदिर के चढ़ावे की लूट के फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दी गई और मां चंडी देवी के आजीवन ट्रस्टी पद से जबरन इस्तीफा लेने का दबाव बनाया गया। साथ ही, उनके भाई के स्कूल की फीस और बैंक से निकाले 4.25 लाख रुपये को मंदिर की लूट बताकर हंगामा किया गया।
सुनवाई के दौरान जस्टिस थपलियाल ने मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “ऐसे महंत जो शादीशुदा होकर लिव-इन में रहते हैं और छेड़छाड़ के मामले में जेल में हैं, मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।” कोर्ट ने रीना को अग्रिम जमानत और सुरक्षा प्रदान करते हुए मंदिर का प्रबंधन बीकेटीसी को सौंपने का आदेश दिया।
यह मामला भक्तों की आस्था के केंद्र में अनैतिक गतिविधियों को लेकर गंभीर सवाल उठा रहा है।