सात जिलों में मॉक ड्रिल,यात्रा और आपदा प्रबंधन की तैयारियां परखीं

Uttarakhand News

(देहरादून)25अप्रैल,2025.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से चारधाम यात्रा के मद्देनजर सात जिलों में (उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग व ट्रांजिट जनपद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी) मॉक ड्रिल की गई। मॉक ड्रिल के जरिये विभिन्न विभागों की चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियों को परखा गया। इस दौरान जो कमियां दिखीं, उन्हें दुरुस्त करने के लिए एनडीएमए के अधिकारियों ने सुझाव दिए। मॉक ड्रिल का समन्वय राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से किया गया।

मॉक ड्रिल के दौरान मार्ग बंद होने की स्थिति में यात्रियों को रोकने, उनके खाने, पेयजल की व्यवस्था करने की तैयारी देखी गई। इसके अलावा एयर फोर्स से मदद मांगने की स्थिति आती है तो कैसे एयर फोर्स से संपर्क किया जाएगा। घायलों को अस्पताल तक बिना ट्रैफिक में फंसे पहुंचाने के लिए ग्रीन काॅरिडोर बनाना, वाहनों का दबाव बढ़ने पर उससे निपटने का इंतजाम को देखा गया। बदरीनाथ धाम में भूंकप व भगदड़ और हरिद्वार में भगदड़ के परिदृश्य पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने भगदड़ का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की। इसके लिए उन्होंने चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी को बधाई दी।

रुद्रप्रयाग जिले के अंतर्गत चीरबासा में बादल फटने और मेडिकल इमरजेंसी और उस स्थिति को संभालने की मॉक ड्रिल की गई। केदारनाथ धाम क्षेत्र में हेलिकॉप्टर क्रैश और उस स्थिति को संभालने की भी मॉक ड्रिल हुई। टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिले में भी विभिन्न विषयों पर मॉक ड्रिल हुई। उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन और रास्ता बंद होने की स्थिति और उससे निपटने की मॉक ड्रिल की गई।

होटल,धर्मशालाओं का फायर सेफ्टी ऑडिट कराएं:
एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने मॉक ड्रिल के बाद चारधाम यात्रा के लिए अहम सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि यात्रियों से अधिक से अधिक संख्या में चारधाम यात्रा एप को डाउनलोड कराया जाए। इस एप में यात्रियों को मौसम का पूर्वानुमान और चेतावनी देने की व्यवस्था की जाए। ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, भूस्खलन क्षेत्र की जानकारी भी इसी एप के जरिये मुहैया कराई जाए। भूस्खलन या ट्रैफिक जाम की वजह से अधिक संख्या में यात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए होल्डिंग एरिया को चिन्हित किया जाए, जहां वाहनों को रोका जा सके। उन्होंने होटल तथा धर्मशालाओं का फायर सेफ्टी ऑडिट भी अनिवार्य रूप कराया जाए। नो नेटवर्क जोन में संबंधित विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर तथा हेलीपैड की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने यूकाडा को एसओपी बनाने के निर्देश दिए।

विभागों के बीच अच्छा समन्वय और तालमेल देखने को मिला:
राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने कहा कि मॉक ड्रिल के माध्यम से चारधाम यात्रा की तैयारियों को और अधिक पुख्ता करने का अवसर मिला है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि चारधाम यात्रा के सुगम तथा सुव्यवस्थित संचालन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनडीएमए के साथ मिलकर मॉक ड्रिल आयोजित करने के लिए निर्देशित किया था। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य में हम काफी हद तक सफल हुए हैं। विभिन्न विभागों के बीच अच्छा समन्वय और तालमेल देखने को मिला। कहीं जो कुछ भी कमियां मिली हैं, उन्हें चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए हैं। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

ये कमियां मिली:

जिला अस्पताल का नहीं था डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान:
एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने देहरादून जिला अस्पताल में पहुंच कर अस्पताल का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान के बारे में जानकारी जुटाई। इसमें अस्पताल का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार नहीं था। इसे जल्द तैयार करने का निर्देश दिया गया। इसी तरह बन्नू स्कूल में भी डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान नहीं था। सीएमओ डॉ.मनोज शर्मा ने कहा कि जल्द डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाया जाएगा।

संचार सेवा रही खराब,संपर्क करने में आई समस्या:
पहाड़ों में कुछ जगह पर फोन से संपर्क करने में समस्या आई। सड़क पर वाहनों का दबाव अधिक होने पर एंबुलेंस में मौके की जगह पर पहुंचने में अतिरिक्त समय लगा। देहरादून में रिजर्व पुलिस लाइंस में रिलीफ कैंप बनाया गया था, यहां पर प्रबंधकीय कमी मिली। पुलिस के अधिकारियों के अनुसार कैंप के लिए केवल स्थान उपलब्ध कराया गया था, उस कैंप से जुड़ी सुविधा जुटाने का काम अन्य विभागों को करना था।(साभार एजेंसी)

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