होम स्टे ने स्वरोजगार को दिखाई नई राह,बढ़ा मेहमानों को घर जैसी सुविधा देने का चलन

Uttarakhand News

(अल्मोड़ा)31मार्च,2025.

पहाड़ के ग्रामीण इलाकों में पहले महज किसानी और पशुपालन ही रोजगार का प्रमुख जरिया हुआ करता था। चंद वर्षों से पर्यटन विकास की योजनाओं ने रोजगार के तौर-तरीकों को नई दिशा दी है। अब पर्वतीय क्षेत्र में होम स्टे चलन बढ़कर रोजगार का बेहतर साधन बन गया है। ये होम स्टे न केवल रोजगार दे रहे हैं बल्कि गांवों से पलायन थामने में भी मददगार साबित हो रहे हैं। साथ ही यहां टिकने वाले देशी-विदेशी पर्यटक पहाड़ की संस्कृति व सभ्यता से रूबरू हो रहे हैं। अच्छी बात यह है कि होम स्टे के संचालन में महिलाएं भी आगे आ रही हैं।

होम स्टे के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देने में दीनदयाल उपाध्याय आवास गृह योजना और अतिथि आवास गृह पंजीकरण योजना अहम भूमिका निभा रही हैं। अल्मोड़ा जनपद की बात करें तो वर्ष 2018 से प्रारंभ हुई पंडित दीनदयाल उपाध्याय आवास गृह योजना के तहत अब तक 100 लोग होम स्टे का लाभ ले चुके हैं। इनमें से इस साल 26 लोग होम स्टे बना रहे हैं जिनमें आठ महिलाएं हैं।

वर्ष 2024-25 में 74 लाभार्थियों को 1.10 करोड़ रुपये की सब्सिडी बांटी जा चुकी है। इस योजना के शुरू होने से लेकर अब तक कुल 26 महिलाएं होम स्टे बनाकर संचालित कर रही हैं और परिवार के साथ रहकर आजीविका चला रही हैं। इसके अलावा अतिथि आवास गृह पंजीकरण योजना वर्ष 2016 से संचालित है। इसमें खुद के बनाए होम स्टे पंजीकृत कराने की सुविधा है। अब तक कुल 232 लोग अपने होम स्टे का पंजीकरण करा चुके हैं। इनमें 45 महिलाएं शामिल हैं। जहां एक ओर स्वरोजगार के लिए होम स्टे योजना की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है, वहीं पहाड़ आ रहे पर्यटकों को भी होम स्टे पसंद आ रहे हैं.

लोन और ब्याज पर 50 फीसदी सब्सिडी

दीनदयाल उपाध्याय आवास गृह योजना – लाभार्थी ऋण लेकर एक से छह कमरे तक का होम स्टे बना सकता है। इसमें कुल लागत की 50 प्रतिशत राज्य सहायता दी जाती है। इस सब्सिडी की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये है। इतना ही नहीं, बैंक ऋण पर लगने वाले ब्याज पर भी 50 फीसदी राज्य सहायता दी जाती है।

अतिथि आवास गृह पंजीकरण योजना – उन लोगों को पंजीकरण की सुविधा पर्यटन विभाग ने दी है जिन्होंने खुद के खर्चे पर होम स्टे बनाया हो। होम स्टे में उपलब्ध सुविधा और लोकेशन के आधार पर तीन श्रेणियों डायमंड, गोल्ड, सिल्वर के तहत पंजीकरण किया जाता है। इस पंजीकरण का लाभ यह है कि होम स्टे जिले के पर्यटन विभाग की सूची में शामिल होता है जिससे पर्यटक आसानी से वहां तक पहुंच सकते हैं।

यह योजना भी दे रही रोजगार:
पर्यटन विभाग की वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना भी रोजगार देने में पीछे नहीं है। इसमें दो मदों में सब्सिडी मिलती है। पहला वाहन मद जिसमें वाहनों के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण मिलता है और सब्सिडी की अधिकतम राशि 15 लाख होती है। दूसरा गैर वाहन मद, जिसमें 33 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण मिलता है। इस सब्सिडी की अधिकतम सीमा 33 लाख है। इस साल 14 लोगों ने वाहन मद तो 11 ने गैर वाहन मद का लाभ उठाया। योजना के तहत जिले में अब तक 52 महिलाओं ने भी गैर वाहन मद का लाभ उठाया है। गैर वाहन मद के अंतर्गत होटल, गैराज, लॉड्री, बेकरी, रिजॉर्ट, गेस्ट हाउस और साहसिक पर्यटन से संबंधित उपकरण के लिए सब्सिडी पर ऋण सुविधा दी जाती है।

जनपद में पर्यटन योजनाओं का लाभ:

अब तक बने होम स्टे- 74 (26 महिलाएं)।
वर्तमान में निर्माणाधीन होम स्टे- 26 (8 महिलाएं)।
होम स्टे पर इस साल बांटी राज सहायता- 1.10 करोड़ रुपये।
अब तक पंजीकृत कुल होम स्टे- 232 (45 महिलाएं)।
वीरचंद्र सिंह गढ़वाली योजना से लाभान्वित महिलाएं- 52
जनपद में पर्यटन संबंधी गतिविधियां हर साल बढ़ रही हैं। विभाग लगातार ऐसे प्रयासों में लगा है। कोविडकाल में पर्यटन गतिविधियों में कुछ व्यवधान आया लेकिन उसके बाद से विभाग हर साल शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर रहा है।- प्रकाश चंद्र खत्री, जिला पर्यटन विकास अधिकारी,अल्मोड़ा (साभार एजेंसी)

Share it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *