(प्रयागराज UP)04फरवरी,2025.
वसंत पंचमी पर अमृत स्नान के दौरान विदेशी श्रद्धालुओं में अलग ही उमंग देखने को मिली। वह भी भारतीय संस्कृति और भक्ति में लीन दिखाई दिए। अखाड़ों के संतों के साथ स्नान करने के बाद उन्होंने भी हर-हर गंगे, बम-बम भोले के जयकारे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया को शांति और सौहार्द का संदेश दिया।
सोमवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में विभिन्न अखाड़ों के साथ विदेशी भी संगम स्नान करने के लिए पहुंचे। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की माला पहनी हुई थी और होठों पर जयकारे थे। निरंजनी अखाड़े के महंत ओम भारती के साथ एक विदेशी श्रद्धालु फूलों की मालाओं का श्रृंगार कर तट पर पहुंची थीं। उन्होंने मौन धारण किया था। साथ के श्रद्धालुओं ने बताया कि वह सनातन धर्म के महत्व को समझने और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए आई हैं। इटली से करीब दो सौ पर्यटकों का समूह अमृत स्नान देखने के लिए पहुंचा। इलेक्टि्रक इंजीनियर डाबोरा ने बताया कि सात दिन पहले भारत आई थीं।
हमारा 60 लोगों का ग्रुप है। मैं भोले को गहराई से समझने का प्रयास कर रही हूं। यह बहुत ही आश्चर्यचकित करने वाला है। इटली की ही पावलेआ और इरीका ने बताया कि वह 16 लोगों के ग्रुप के साथ पहली बार भारत आई हैं। हमारे लिए बहुत ही शानदार और अतुलनीय अनुभव है। इटली के ही स्टेफन ने बताया कि पिछले तीन दिन से भारतीय श्रद्धालुओं के साथ रह रहे हैं। सुबह जल्दी जगकर गंगा तट पर टहलते थे और लोगों से बात करते थे। यहां आकर सनातन को समझने का प्रयास किया है कि कैसे लोग यहां पूजा और अध्यात्म के लिए आ रहे हैं। यह एकता की मिशाल है। किसी में कोई भेद नहीं है और चारों ओर शांति होनी चाहिए।
मैं पेशे से योगाचार्य हूं। मैं मुझे यहां पर बुल्गारिया, मैक्सिको और दूसरे देशों के भी लोग मिले हैं। यह सनातन धर्म को प्रत्यक्षरूप से देखने का मौका था। -पिनलोपी, ग्रीस
मैं अपने पति के साथ भारत आई हूं। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। अध्यात्म का जबरदस्त अनुभव हुआ है। इसका कोई जवाब नहीं है। यह कुंभ में ही संभव है। दुनियाभर के लोगों को यही कहूंगी कि जीवन में एक बार भारत जरूर आएं। – सिमोना, इटली
मैं पेशे से फैशन डिजाइनर और शिक्षक रह चुकी हूं। दो दोस्तों के साथ मैं आई हूं। यह मेरा तीसरा कुंभ है। 36 साल पहले पहली बार भारत आई थी। मन को शांत करने के लिए और साधना करने के मैं यहां आती हूं। – मारिया, ऑस्ट्रेलिया
यहां आकर मैं खुद को कृतज्ञ महसूस कर रही हूं। दुनियाभर के लोग यहां पर एकता की मिसाल कायम करने के लिए आए हैं। मैं भी पूरी दुनिया को सिर्फ और सिर्फ शांति का ही संदेश दूंगी। – आरिया, रूस (साभार एजेंसी)