(प्रयागराज UP)28दिसम्बर,2024.
वर्ष 2024 प्रयागराज की परिवहन सेवा के लिए कई मायनों में यादगार रहेगा। महाकुंभ की वजह से इस वर्ष प्रयागराज को बहुत कुछ मिला। पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधा से जुड़े ढेरों कार्य हुए।
रेल ओवरब्रिज और रेल अंडरब्रिज के निर्माण से जहां अब शहर में एक भी लेवल क्रॉसिंग नहीं है तो वहीं इस वर्ष प्रयागराज को दो और सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की सौगात मिली। दिसंबर आते-आते शहर के सभी रेलवे स्टेशनों की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई। रेलवे के लिहाज से यह वर्ष उपलब्धियों भरा रहा। इस वर्ष संगमनगरी को प्रयागराज से गोरखपुर और बनारस से आगरा कैंट के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में दो सेमी हाई स्पीड ट्रेनें मिलीं। इस तरह से अब यहां कुल चार जोड़ी वंदे भारत ट्रेनों की आवाजाही हो रही है।
स्टेशनों को मिलीं नई इमारतें:
अमृत भारत स्टेशन के तहत उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के प्रयाग और फाफामऊ रेलवे स्टेशन का कायाकल्प भी इसी वर्ष हुआ। इन दोनों ही स्टेशनों को नई इमारत मिलने के साथ ही 12-12 मीटर चौड़े फुटओवर ब्रिज भी मिले। प्रयाग स्टेशन को एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म भी मिला। इसी तरह प्रयागराज रामबाग स्टेशन की भी तस्वीर इस वर्ष पूरी तरह से बदल गई। स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर लगे शेड का विस्तार होने के साथ ही यहां तीन प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाई गई। साथ ही एक नया प्लेटफॉर्म भी बना। सूबेदारगंज स्टेशन को भी इस वर्ष एक नया प्लेटफॉर्म मिला।
खास बात यह रही कि प्रयागराज जंक्शन की तर्ज पर अब झूंसी, सूबेदारगंज, प्रयागराज छिवकी, प्रयाग जंक्शन और नैनी जंक्शन पर यात्रियों का प्रवेश स्टेशन के दोनों ओर से हो सकेगा। इन स्टेशनों पर सेकंड इंट्री बन जाने की वजह से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। इन सब सौगातों के बीच प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर रूट रिले इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का एक बड़ा काम भी हुआ। ट्रेन परिचालन के हिसाब से यह इस वर्ष का सबसे बड़ा कार्य रहा। इंटरलॉकिंग होने से अब जंक्शन पर ट्रेनों की आवाजाही पहले के मुकाबले ज्यादा सुगम हो गई है।
पूरा हुआ प्रयागराज से वाराणसी का रेल दोहरीकरण,गंगा पर बना नया ब्रिज:
इस वर्ष प्रयागराज से वाराणसी रेलमार्ग का भी पूर्ण रूप से दोहरीकरण हो गया। इस महत्वपूर्ण रेलखंड के प्रयागराज जंक्शन-झूंसी के बीच दोहरीकरण का कार्य ही शेष बचा था, जो इसी माह पूरा हुआ और पीएम मोदी ने इस रूट का लोकार्पण गत 13 दिसंबर को किया। इसके अलावा गंगा पर बना दोहरीकरण वाला प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज भी इसी माह राष्ट्र को समर्पित हुआ। प्रयागराज जंक्शन-जंघई रेलमार्ग के भी दोहरीकरण का कार्य इसी वर्ष पूरा हुआ। इसके पूरा होने से प्रयागराज से जंघई होते हुए वाराणसी का सफर अब और ज्यादा सुगम हो गया है।
एयरपोर्ट के वर्तमान टर्मिनल की बढ़ी क्षमता:
इस वर्ष प्रयागराज एयरपोर्ट की वर्तमान टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता 350 से बढ़कर 850 यात्रियों की हो गई है। एयरपोर्ट में मुख्य रनवे को टर्मिनल से जोड़ने के लिए एक और टैक्सी-वे का भी निर्माण किया गया है। इसके निर्माण के बाद अब मुख्य रनवे से टर्मिनल बिल्डिंग तक विमानों के आने व जाने का रास्ता अलग हो गया है। इसके अलावा टर्मिनल भवन के सामने पांच लेन की सड़क को आठ लेन का किया जा रहा है। यह कार्य भी अब पूरा होने वाला है। वहीं, प्रयागराज एयरपोर्ट से इस वर्ष पहली बार हैदराबाद के लिए सीधी उड़ान भी शुरू हो गई। पिछले वर्ष बंद हुई रायपुर उड़ान का भी संचालन एक बार फिर से शुरू हुआ। इसके अलावा एयरपोर्ट से पहली बार अकासा एयर ने प्रयागराज से मुंबई के लिए सीधी उड़ान भी इसी वर्ष शुरू की।
बंद हो गया दारागंज स्टेशन, प्रयागराज से छिनी तुलसी एक्सप्रेस:
वर्ष 2024 जहां कई मायनों में परिवहन सेवा के लिए बेहतर रहा तो वहीं कुछ ऐसी भी चीजें रहीं जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गईं। 110 वर्ष से ज्यादा पुराना दारागंज स्टेशन इसी माह हमेशा के लिए बंद हो गया। इसके अलावा दारागंज को झूंसी से जोड़ने वाला आइजेट पुल भी अब इतिहास हो गया। दारागंज स्टेशन बंद होने के बाद इस पुल पर भी ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई। वहीं, प्रयागराज से सप्ताह में दो दिन मुंबई के लोकमान्य तिलक जाने वाली तुलसी एक्सप्रेस भी इसी वर्ष प्रयागराज से छिन गई। इसे अब अयोध्या से चलाया जा रहा है।
वर्ष 2025 में भी मिलेगा बहुत कुछ:
प्रयागराज को अगले वर्ष भी बहुत कुछ मिलेगा। यहां से मुंबई रूट के लिए मानिकपुर तक तीसरी लाइन बिछाए जाने का कार्य शुरू होगा। इसके अलावा प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास का कार्य भी महाकुंभ के बाद शुरू होगा। वर्ष 2025 के अंत तक सिविल लाइंस साइड में पुनर्विकास का कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद है। वहीं, प्रयागराज से बमरौली के बीच चौथी लाइन भी अगले वर्ष तैयार हो जाएगी। साथ ही सूबेदारगंज के पास बनाए जा रहे रेल फ्लाईओवर का निर्माण भी अगले वर्ष पूरा हो जाएगा। इसी तरह सिविल लाइंस बस स्टेशन और जीरोरोड बस स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य भी महाकुंभ मेला संपन्न होने के बाद शुरू होगा। इन दोनों ही बस स्टेशनों पर बहुमंजिला मॉल बनाया जाएगा।(साभार एजेंसी)