धामी सरकार ने स्थापित किए लोकप्रियता और गुडगवर्नेंस के नए आय़ाम

Uttarakhand News

जनता के कल्याण को लेकर सदैव सक्रिय और सजग रहने वाले युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार लगातार सेवा भाव हेतु समर्पित दिख रही है।गुड गवर्नेंस के मामले में उत्तराखंड दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन रहा है। उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की खातिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रशासनिक सुधार हेतु उनकी संकल्प शक्ति और सुशासन के प्रति समर्पण सराहनीय है । जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को लेकर धामी सुर्खियों में बने रहे हैं। अपने कड़े फैसलों से उन्होंने जहां भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया, वहीं सशक्त ऑनलाइन सिस्टम खड़ा कर दूरस्थ क्षेत्र की जनता को घर बैठे समस्या का समाधान दिया।

मुख्यमंत्री धामी का सख्त नकल विरोधी कानून और धर्मांतरण विरोधी कानून देश के अन्य राज्यों के लिए नजीर बने हैं। लैंड जिहाद के नाम पर सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को ध्वस्त कर उन्होंने देवभूमि के मूल स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न करने का कड़ा संदेश दिया। सीएम धामी के गुड गवर्नेंस का ही सुफल है कि हाल ही में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का महाआयोजन सफलता की ऊंचाई पर पहुंचा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया की मुहिम को आगे बढ़ाने में भी उत्तराखंड राज्य अव्वल रहा है। अपणि सरकार, उन्नति पोर्टल और सीएम हेल्पलाइन इस दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुए हैं। आज अपणि पोर्टल के जरिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का पात्र लोग घर बैठे ही लाभ उठा रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन-1905 जनशिकायतों के निराकरण की दिशा में कारगर सिद्ध हुई है। हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर पर डेढ़ लाख शिकायतें दर्ज हुई, इनमें आधे से अधिक शिकायतें निस्तारित की जा चुकी हैं।

धामी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 से भ्रष्टाचार पर प्रभावी लगाम लगी है। इस वर्ष भ्रष्टाचार की 294 शिकायतें दर्ज हुई। इनमें 225 शिकायतों पर कार्रवाई की जा चुकी है। 59 आरोपियों को जेल की हवा खानी पड़ी है। सीएम धामी की पारदर्शी नीतियों और जवाबदेह प्रशासन का ही परिणाम है कि आज सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंच रहा है।

देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून

भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए देश का सख्त नकल विरोधी कानून बनाकर नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है। 80 से अधिक आरोपियों को जेल की सलाखों में भेजा जा चुका है। अब राज्य में भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हो रही हैं और योग्य अभ्यर्थी चयनित होकर आ रहे हैं।

एप-1064 से भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार

धामी सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 से भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की। इस वर्ष इस एप पर करीब 294 शिकायतें दर्ज हुई। इनमें 225 शिकायतों पर कार्रवाई की जा चुकी है। 59 आरोपियों को जेल की हवा खानी पड़ी है। मुख्यमंत्री का साफ संदेश है कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना पॉवरफुल व्यक्ति ही क्यों न हो।

शक्तिशाली धर्मांतरण विरोधी कानून

राज्य में धर्मांतरण की शिकायतें मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर रोक लगाने के सख्त कानून बनाया है। इस कानून के तहत प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने या करने पर अब 10 साल तक की सजा होगी।

2025 तक ड्रग फ्री उत्तराखंड का लक्ष्य

वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को पूर्ण नशामुक्त बनाना मुख्यमंत्री धामी का संकल्प है। इसके लिए “ड्रग फ्री उत्तराखंड” अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है। इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, शिक्षण संस्थानों और नशामुक्ति के लिए काम कर रहे संगठनों को शामिल किया गया है।

अधिकारी नियमित रूप से सुन रहे समस्याएं

प्रशासन को जवाबदेह बनाने के लिए अधिकारियों को नियमित रूप से जनसमस्याएं सुनने के निर्देश हैं। जिलाधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में दो घण्टे जनसमस्याएं सुननी हैं। इसी प्रकार सचिवालय में सप्ताह में एक दिन नो मीटिंग डे होता है। इस दिन सभी अधिकारी आगंतुकों से मिलने के लिए अपने दफ्तर में उपस्थित रहते हैं।

जनसेवा को बनाया अपना एक मिशन

सुशासन के लिए अधिकारियों को भी गुड गवर्नेंस का पाठ समय -समय पर पढ़ाया जाता रहा है। उन्हें बताया जाता रहा है कि जनसेवा हमारा मिशन है। हम आम लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनें।

सीएम हेल्पलाइन 1905 पर हो रही सुनवाई

प्रदेशवासियों की समस्या और शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन-1905 शुरू की गई है। कोई भी व्यक्ति सीएम हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1905 पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है, अपनी समस्या को बता सकता है। अभी तक करीब डेढ़ लाख शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हो चुकी हैं और इनमें आधे से अधिक शिकायतें निस्तारित की जा चुकी हैं।

सचिवालय में 55 विभाग हुए ऑनलाइन

आम जनता को सुविधा देने और विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड सचिवालय में 55 विभागों और 144 अनुभागों को ई-आफिस के माध्यम से जोड़ा गया है। उन्नति पोर्टल के जरिये विभागीय योजनाओं, परियोजनाओं पर नजर रखी जा रही है। ऑनलाइन बैठकों के लिए मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।

पत्रावलियों के निस्तारण के लिए समयबद्धता जरूरी

विभागों की कार्यशैली में सुधार के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। ई-ऑफिस प्रणाली को सशक्त बनाया गया है। पत्रावलियों को समयबद्धता के साथ निस्तारित करने पर जोर दिया गया है। अधिक पेडेंसी रखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है।

एमओयू की ग्राउंडिंग के लिए जिम्मेदारी तय

उत्तराखंड में साढ़े तीन लाख करोड़ के निवेश के समझौतों को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। पहले चरण में 44 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग का काम शुरू कर दिया गया है।निवेशकों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और सशक्त बनाया जा रहा है।

बेहतर हुई कार्यालयों की कार्य संस्कृति

सरकारी कार्यालयों की कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए बायोमैट्रिक प्रणाली और अन्य मापदंडों को प्रभावी बनाया गया है। इससे कार्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार आया है। कर्मचारी समय से कार्यालय पहुंच रहे हैं।

अपणि सरकार पोर्टल पर मिल सकेंगी 75 सेवाएं

जन सुविधा के दृष्टिगत अपणि सरकार पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल के जरिए घर बैठे 75 सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। अभी तक ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से 32 सेवाएं ऑनलाइन मिल रही थी। अब इसे बढ़ाया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से जनशिकायत पर हुई कार्रवाई के संबंध में भी पूरी जानकारी शिकायतकर्ता ले सकेगा।

उन्नति पोर्टल पर मिलेंगी योजनाओं को मंजूरी

उन्नति पोर्टल से विभागों में समन्वय बनाना आसान हुआ है। इस पोर्टल पर प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। योजनाओं को त्वरित मंजूरी मिल सकेगी। केंद्र को भेजी गई योजनाओं के प्रस्तावों की जानकारी भी इस पोर्टल से मिल सकेगी।

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