उत्तराखंड की अपनी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति,आईटी का बुनियादी ढांचा होगा मजबूत

Uttarakhand News

( देहरादून )14अगस्त,2025.

धामी कैबिनेट ने राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए अपनी पहली विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति (एसटीआईपी) पर मुहर लगा दी है। यह नीति न केवल प्राकृतिक संसाधनों के वैज्ञानिक और तकनीकी उपयोग को बढ़ावा देगी बल्कि डाटा संकलन, पारिस्थितिकी संरक्षण, नवाचार को प्रोत्साहन और नई तकनीकों के इस्तेमाल में भी सहायक होगी।

इस नीति से आधुनिक कृषि, पर्यटन, आईटी, स्किल डेवलपमेंट, पेटेंट, भौगोलिक संकेत, स्टेम एजुकेशन और साइंस कॉरिडोर को मजबूती मिलेगी। राज्य की वैज्ञानिक क्षमता और तकनीकी प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है। देश के चुनिंदा राज्यों के पास ही ऐसी नीति है।

अब उत्तराखंड भी उनमें शामिल हो गया है। यह छत्र नीति (अंब्रैला पॉलिसी) के रूप में शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और सरकारी नीतियों को जोड़ते हुए सतत विकास के लक्ष्यों को तेजी और प्रभावशीलता से हासिल करने में मदद करेगी।

नीति के प्रमुख लक्ष्य:

  • स्थानीय उद्योग, स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने से आर्थिक सशक्तीकरण होगा।
  • युवाओं के लिए कौशल आधारित रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • हिमालयी क्षेत्र में भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ जैसी आपदाओं के लिए उन्नत तकनीकी समाधान तैयार होगा।
  • डाटा संकलन और विश्लेषण से सटीक जानकारी के आधार पर प्रभावी नीतिगत निर्णय हो सकेंगे।
  • प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता का संरक्षण होगा।
  • नई तकनीकों और नवाचार को प्रोत्साहन
  • पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास का संतुलन
  • राज्य को तकनीकी नवाचार के मानचित्र पर प्रमुख स्थान मिलेगा।(साभार एजेंसी)
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