(देहरादून)28जुलाई,2025.
देहरादून जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से स्थायी समाधान हेतु व्यापक एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर देहरादून, ऋषिकेश और डोईवाला के लिए 30 लाख रुपये की लागत से 17 हाई प्रेशर डी-वाटरिंग पंप खरीदे गए हैं, जिन्हें सोमवार को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया गया।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इन पंपों को शहरी इलाकों के संवेदनशील चौकों, चौराहों और जंक्शनों पर शीघ्र तैनात किया जाए और अतिवृष्टि की स्थिति में न्यूनतम रिस्पांस टाइम में जल निकासी सुनिश्चित हो। इस दौरान नगर निगम ऋषिकेश को 4, डोईवाला को 2, तहसील ऋषिकेश को 1, तथा देहरादून में आपदा प्रबंधन, नगर निगम, जल निगम, जल संस्थान, स्मार्ट सिटी, सिंचाई और क्यूआरटी को कुल 10 पंप वितरित किए गए।
जिलाधिकारी ने बताया कि पहली बार राजधानी देहरादून में जलभराव वाले क्षेत्रों में पोर्टेबल डी-वाटरिंग पंप की तैनाती की जा रही है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान जलभराव से स्कूली बच्चों, महिलाओं और आमजन को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संसाधनों की कमी के कारण विभिन्न एजेंसियों द्वारा त्वरित कार्रवाई में कठिनाई आ रही थी, जिसे देखते हुए डीएम एक्ट के अंतर्गत जनहित में यह निर्णय लिया गया।
जलभराव की समस्या से त्वरित निपटने के लिए शहर को 12 भागों में विभाजित कर तीन क्यूआरटी बनाई गई हैं। सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीएम हरिगिरी और एसडीएम कुमकुम जोशी को इन टीमों का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। क्यूआरटी के पास अब डी-वाटरिंग पंप उपलब्ध होने से उनका रिस्पांस टाइम कम होगा और आम जनता को राहत मिलेगी।
साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिस प्रकार भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में मानव संसाधन और मशीनरी तैनात की जाती है, उसी तरह जलभराव वाले स्थलों पर भी समुचित प्रबंध किए जाएं। मानसून अवधि में नोडल अधिकारियों को अलर्ट रहने और जल निकासी में बाधा आने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (एफआर) के.के. मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ऋषभ कुमार सहित जल संस्थान, जल निगम, सिंचाई और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।