जून 2025 में उत्तराखंड में आपदाओं व दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि:एक रिपोर्ट

Uttarakhand News

( देहरादून )26जुलाई,2025.

देहरादून स्थित पर्यावरणीय एक्शन और एडवोकेसी समूह एसडीसी फाउंडेशन द्वारा जारी उत्तराखंड डिज़ास्टर एंड एक्सिडेंट एनालिसिस इनिशिएटिव (उदय ) की जून 2025 की रिपोर्ट राज्य में आपदाओं और दुर्घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता की गंभीर तस्वीर पेश करती है। प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों पर आधारित इस मासिक रिपोर्ट में प्रदेश में आपदाओं, मौसम की अनिश्चितता, खराब सड़कों, कमजोर ढांचागत सुविधाओं और सुरक्षा प्रबंधन की गंभीर खामियों से जुड़ी कई दर्दनाक घटनाएं दर्ज की गई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, जून माह में राज्य भर में कई बड़ी जानलेवा घटनाएं सामने आईं। 15 जून को केदारनाथ के पास हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक दो वर्षीय बच्चा भी शामिल था। इस घटना के बाद चारधाम हेलीकॉप्टर सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गईं और राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। रिपोर्ट में कहा गया है, “यह हादसा एक बार फिर हिमालयी उड़ानों की सुरक्षा, मौसम प्रोटोकॉल और निगरानी पर सवाल खड़े करता है।”

जून में ही पिथौरागढ़ में 6 जून को एक वाहन के गहरी खाई में गिरने से छह लोगों की मौत हो गई। वहीं 26 जून को बद्रीनाथ जा रही एक बस अलकनंदा नदी में गिर गई, जिसमें तीन लोगों की मृत्यु और नौ लापता हुए।

मानसून की बारिश ने चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में कई भूस्खलनों को जन्म दिया, जिससे चारधाम यात्रा मार्ग बाधित हुआ और तीर्थयात्रियों व श्रमिकों की जान गई। 28 जून को उत्तरकाशी में बादल फटने के कारण एक श्रमिक शिविर पर भूस्खलन हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत और सात लापता हो गए। यमुना नदी में भारी मलवा और अवैध डंपिंग के चलते स्याना चट्टी के पास एक अस्थायी झील बन गई, जिससे पर्यावरणीय और सुरक्षा संकट और गहराया।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य में 1,100 से अधिक सक्रिय भूस्खलन जोन चिन्हित किए गए हैं। राहत कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा 1,270 कर्मी, 489 जेसीबी मशीन, 25 बेली ब्रिज और 482 हेलीपैड तैयार किए गए हैं।

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा, “अब उत्तराखंड में आपदाएं अपवाद नहीं, बल्कि सामान्य होती जा रही हैं। उदय रिपोर्ट्स का उद्देश्य इन घटनाओं की मानवीय और पारिस्थितिकीय लागत को सामने लाना है ताकि नीति, प्रशासन और समाज में निर्णायक सुधार हो सके।”

रिपोर्ट राज्य सरकार और संस्थानों से अपील करती है कि वे उत्तराखंड में मजबूत अर्ली वॉर्निंग सिस्टम बनाएं, बुनियादी ढांचे के विकास को नियंत्रित करें, यात्रा मार्गों की सुरक्षा बढ़ाएं और पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें।

एसडीसी फाउंडेशन अक्टूबर 2022 से नियमित रूप से मासिक उदय रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। जून 2025 की रिपोर्ट इस श्रृंखला की 33वीं कड़ी है।(साभार एजेंसी)

Share it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *