( देहरादून )28जून,2025.
उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा जैसे हालात बनते रहते हैं।इस आपदा की वजह से सबसे अधिक नुकसान सड़कों को पहुंचता है। जिसके परिणामस्वरूप आवाजाही ठप पड़ जाती है। इसके साथ ही तमाम मार्ग ऐसे हैं जहां लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है. इसके अलावा केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए यात्रियों को एक लंबा पैदल सफर करना पड़ता है. जिस कारण उत्तराखंड सरकार प्रदेश में रोपवे का जाल बिछाना चाहती है. ताकि यात्रियों की यात्रा को आसान और सुलभ बनाया जा सके. इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य में तमाम रोपवे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है तो कुछ रोपवे परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है.
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए रोपवे एक वरदान साबित हो सकता है. क्योंकि खासकर मॉनसून सीजन के दौरान न सिर्फ सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं बल्कि आने वाले यात्रियों को भी जाम में फंसना पड़ता है. ऐसे में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए वर्तमान समय में तीन बड़े रोपवे प्रोजेक्ट्स का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसमें मसूरी- देहरादून रोपवे प्रोजेक्ट, जानकीचट्टी-यमुनोत्री मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट और ठूलीगाड़-पूर्णागिरि रोपवे प्रोजेक्ट शामिल है. इन तीनों रोपवे प्रोजेक्ट्स को पर्यटन विभाग की ओर से डेवलप किया जा रहा है.
उत्तराखंड में तमाम रोपवे प्रोजेट्स पर निर्माण कार्य जारी:
पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मसूरी- देहरादून रोपवे प्रोजेक्ट पर पिछले साल से काम चल रहा है. इस रोपवे में 26 टॉवर बनाए जाने हैं, जिसमें से 16 टॉवर का निर्माण हो चुका है. साथ ही 10 टॉवर का निर्माण कार्य चल रहा है.
जानकीचट्टी- यमुनोत्री मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट के शुरुआती पांच टावर का निर्माण करने को लेकर जमीन अधिग्रहण करने के साथ ही डेवलपर को जमीन सौंपी जा चुकी है.
इसी तरह ठूलीगाड़-पूर्णागिरि रोपवे प्रोजेक्ट के लोवर टर्मिनल का कार्य चल रहा है. जबकि अपर टर्मिनल पर स्टेबिलिटी की दिक्कत आ रही है. जिसके चलते जियोलॉजिकल स्टडी कराई जा रही है. जियोलॉजिकल स्टडी पूरी होने के बाद निर्माण कार्य मॉनसून के बाद शुरू किया जाएगा.
इन तीनों निर्माणाधीन रोपवे प्रोजेक्ट्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर पर्यटन विभाग काम कर रहा है. इसमें तपोवन से कुंजापुरी रोपवे प्रोजेक्ट और ऋषिकेश-नीलकंठ रोपवे प्रोजेक्ट शामिल है. दरअसल, पिछले महीने 16 मई को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान तपोवन से कुंजापुरी रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है. इस रोपवे के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने स्विस कंपनी बार्थोलेट मशीनबाउ एजी के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. ऐसे में इस रोपवे प्रोजेक्ट की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही राज्य सरकार, ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे का निर्माण करने जा रही है. लेकिन फॉरेस्ट क्लीयरेंस ना मिल पाने की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाई है. ऐसे में इस रोपवे प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र कुमार से अनुरोध कर चुके हैं।
इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार सबसे अधिक पैदल चलने वाले धामों में भी रोपवे का निर्माण कराना चाहती है. जिसमें केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले यात्रियों की यात्रा को सुगम और सुलभ किया जा सके. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार ने पर्वतमाला रोपवे परियोजना के तहत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब तक के लिए रोपवे बनाने का प्रस्ताव भेजा था. जिस पर 5 मार्च 2025 को दिल्ली में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गौरीकुंड से केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है. इन दोनों रोपवे प्रोजेक्ट्स को श्रद्धालुओं के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि इन दोनों रोपवे के निर्माण के बाद यात्री आसानी से बाबा केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर सकेंगे।
वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि हिल स्टेशन में ट्रैफिक को मैनेज करने और यात्रियों को एक अच्छा अनुभव देने के लिए रोपवे निर्माण का निर्माण किया जा रहा है. मसूरी- देहरादून रोपवे के जरिए करीब तीन हजार यात्री एक घंटे में आ-जा सकते हैं. ये प्रोजेक्ट आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा. साथ ही कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी रोपवे निर्माण का काम चल रहा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मसूरी देहरादून रोपवे प्रोजेक्ट का काम 300 करोड़ रुपए की लागत से चल रहा है. इस रोपवे के निर्माण के बाद देहरादून से मात्र 20 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे. इसके अलावा, 177 करोड़ रुपए की लागत से जानकीचट्टी से यमुनोत्री मंदिर रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. इसी तरह ठूलीगाड़ से पूर्णागिरि रोपवे का निर्माण कार्य मॉनसून के बाद शुरू किया जाएगा(साभार एजेंसी)