अश्विनी वैष्णव बोले,”एआई पर शोध के लिए Ph.D.प्रोग्राम शुरू कर रही है सरकार”

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(नई दिल्ली)31मई,2025.

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मिशन के तहत मौलिक शोध (फंडामेंटल रिसर्च) को बढ़ावा देने के लिए एक पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने पर काम कर रही है। उन्होंने एक एआई-केंद्रित कार्यक्रम में कहा, “यह पहल हमारे लिए और आईटी उद्योग के लिए नए अवसर लेकर आएगी, जो कि एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजरने वाला है।”

वैष्णव ने कहा कि इस तकनीकी परिवर्तन को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए, न कि इससे बाधित होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब इतनी बड़ी तकनीकी क्रांति होती है, तब यह बहुत जरूरी हो जाता है कि उद्योग, सरकार और टैलेंट डिवेलपमेंट इकोसिस्टम मिलकर भविष्य के लिए तैयार हों।

एआई की संभावनाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “एआई अकेले में कुछ खास नहीं लग सकता, लेकिन जब इसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जाता है, तो यह जनसंख्या स्तर पर बड़ी समस्याओं का समाधान करने में बहुत बड़ा अंतर ला सकता है।” उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस स्पष्ट है “टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण”।

“यह बेहद जरूरी है कि टेक्नोलॉजी कुछ गिने-चुने लोगों तक ही सीमित न रह जाए। समाज के बड़े वर्ग को तकनीक तक पहुंच मिलनी चाहिए, उन्हें समाधान विकसित करने और बेहतर अवसर प्राप्त करने का अधिकार मिलना चाहिए।”
टेक्नोलॉजी के लोकतंत्रीकरण की दिशा में उन्होंने बताया कि अब तक 19,000 GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स) तैनात किए जा चुके हैं और दूसरे चरण में 16,000 और GPU जोड़े जाएंगे, जिससे कुल संख्या 34,000 GPU तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा, “यह एक बहुत बड़ी कंप्यूटिंग क्षमता है और यह प्रक्रिया लगातार चल रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि तीसरा चरण भी जल्द पूरा होने वाला है, जिससे और GPU जोड़े जाएंगे।

“कुछ समय पहले तक यह चिंता बनी हुई थी कि क्या भारत इस स्तर की कंप्यूटिंग सुविधा विकसित कर पाएगा या नहीं, लेकिन अब जब हमारे पास 34,000 GPU हैं, तो यह चिंता लगभग खत्म हो गई है।”

एआई के क्षेत्र में, मंत्री वैष्णव ने संकेत दिया कि भारत जल्द ही अपना पहला फाउंडेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल लॉन्च करेगा। सरकार इस ओपन-सोर्स मॉडल को भारतीय सर्वरों पर होस्ट करने जा रही है। यह पहल ऐसे समय में हो रही है जब चीन की स्टार्टअप DeepSeek ने वैश्विक एआई जगत में चुनौती पेश की है।(साभार एजेंसी)

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