सीएम धामी बोले,दिल्ली दौरा निजी था,मंत्रिमंडल पर बात नहीं हुई

Uttarakhand News

(देहरादून)21मार्च,2025.

दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनका यह निजी दौरा था। इसमें मंत्रिमंडल प्रकरण पर बात नहीं हुई। मुख्यमंत्री मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। सीएम ने कहा कि उन्हें नई दिल्ली में कुछ समारोह में शामिल होना था। मंत्रिमंडल को लेकर उनकी कोई बातचीत नहीं हुई।

बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावनाएं जताई जा रही थीं। कहा जा रहा था कि नए मंत्रिमंडल के गठन के लिए मुख्यमंत्री नई दिल्ली का दौरा कर केंद्रीय नेताओं से चर्चा करेंगे। सीएम दिल्ली गए तो इन अटकलों को बल मिला। हालांकि नई दिल्ली में वह एक केंद्रीय मंत्री के पुत्र के विवाह रात्रि भोज में शामिल हुए थे। बुधवार को वह केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के पिता के निधन पर शोक व्यक्त करने उनके गुरुग्राम स्थित आवास पर गए थे।

हेलीपेड पर मीडियाकर्मियों ने मुख्यमंत्री से पूछा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उत्तराखंड में बाहर के लोगों के जमीन खरीदने के रोक को लेकर सवाल उठाया है, इसके जवाब में सीएम ने कहा कि यदि कोई राज्य में निवेश करना, स्थानीय युवाओं को रोजगार देना चाहता है, उसका राज्य में स्वागत है। लेकिन कोई राज्य में जमीनों को खुर्द-बुर्द करेगा तो कानून अपना काम करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जमीनों की बंदरबांट होती रही है। जिस प्रायोजन से राज्य में जमीन खरीदी गई, उसका उपयोग नहीं किया गया। ऐसे मामलों में सैकड़ों एकड़ भूमि सरकार में निहित की गई

तीन साल में विकास के कार्य हुए, निवेश आया, बेरोजगारी घटी : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके तीन साल के कार्यकाल में विकास के कई काम हुए। बड़ी मात्रा में निवेश आया। नवाचार के काम हुए। विकास के मानकों में नीति आयोग की रैकिंग में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर आया। सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। यूसीसी, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोकने के अलावा दंगा रोधी कानून लागू किया। 20 हजार से ज्यादा पारदर्शी तरीके नियुक्तियां कीं।

जन शिकायतों के निपटारे में लापरवाही सहन नहीं करेंगे:
जन शिकायतों के समयबद्ध निपटारे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। जनता के प्रति हमारी जवाबदेही है। जिस स्तर पर शिकायतों का निपटारा होना है, उससे ऊपर के स्तर पर शिकायत नहीं आनी चाहिए। एल वन स्तर पर शिकायतों के निपटारे के लिए 36 दिन का समय है। इस समय अवधि में यदि शिकायतों का निपटारा नहीं हो पा रहा है तो यह बेहद गंभीर है। ऐसे मामलों में जवाबदेह अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा गया है।

अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई चलती रहेगी:
मुख्यमंत्री ने एक बार सरकारी और निजी अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि यह देवभूमि में अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्रवाई अनवरत रहेगी(साभार एजेंसी)

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