उत्तराखंड के 400 से अधिक मदरसों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत,जल्द शुरू होगा पाठ्यक्रम

Uttarakhand News

(हरिद्वार)06नवंबर,2024.

उत्तराखण्ड के मदरसों में अब अरबी भाषा के साथ संस्कृत भी छात्रों को पढ़ाई जाएगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। हरी झंडी मिलते ही इसे 400 से भी ज्यादा मदरसों में शुरू किया जाएगा।

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि राज्यभर के मदरसों में छात्रों को अरबी के साथ-साथ संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। हरी झंडी मिलते ही मदरसों में वैकल्पिक आधार पर संस्कृत शिक्षा शुरू कर दी जाएगी।

वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल की जाएगी संस्कृत शिक्षा:
मुफ्ती शमून कासमी ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की इच्छा है कि मदरसा जाने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाए। इसलिए निर्णय लिया गया है कि राज्यभर के मदरसों में संस्कृत की शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाए।

उन्होंने कहा कि राज्य के मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम शुरू करने से इस वर्ष अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इसमें करीब 96 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए है। इससे यह पता लगता है कि मदरसों में अध्ययनरत छात्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यदि उन्हें अवसर दिया जाए तो वे संस्कृत सहित दूसरे विषयों में भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।

अरबी के साथ संस्कृत सीखना छात्रों के लिए होगा लाभदायक:
मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि अरबी और संस्कृत दोनों प्राचीन भाषाएं हैं। मदरसा छात्रों को अरबी के साथ अगर संस्कृत सीखने का विकल्प मिलता है तो यह उनके लिए लाभदायक होगा। उन्होंने उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में पूर्व में मस्जिदों और मदरसों को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन पर कहा कि धामी सरकार निष्पक्ष रूप से कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में किसी भी वर्ग के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। हमारी सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही है(साभार एजेंसी)

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