उत्तराखंड में भी Monkeypox को लेकर अलर्ट,WHO भी हेल्थ इमरजेंसी जारी कर चुका

Uttarakhand News

(देहरादून)29अगस्त,2024.

कोरोना के बाद अब एक और संक्रामक बीमारी अपने पांव पसारते दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी हवाई अड्डों के साथ-साथ बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं के पास मौजूद बंदरगाहों के अधिकारियों को ‘मंकीपॉक्स’ के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रति सतर्क रहने को कहा है। विभिन्न देशों में मंकीपाक्स के मरीज मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में भी इसके संक्रमण की आशंका जताई है। ऐसे में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए है। जिसमें बीमारी की रोकथाम के लिए सतत निगरानी की हिदायत दी गई है। कोई भी संदिग्ध मरीज मिलने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए कहा गया है। साथ ही प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। हालांकि अभी तक प्रदेश में मंकीपाक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

उत्तराखंड में एडवाइजरी जारी:

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तारा आर्य की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि एसटीडी क्लीनिक के साथ-साथ स्किन, मेडिसिन व पेडिएट्रिक ओपीडी में मरीजों की गहन निगरानी करते हुए परीक्षण किया जाए। ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके। संदिग्धों की पहचान होने पर नमूना (स्वाब) संकलित कर सुरक्षित तरीके से अधिकृत लैब को भेजा जाए। मंकीपाक्स के संदिग्ध मरीज मिलने पर इसकी सूचना जिला सर्विलांस इकाई को दी जाए। जो ऐसा कोई भी मरीज मिलने पर उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करेगी। स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा है कि सभी जिलों में अस्पताल चिन्हित कर वहां पर्याप्त मानव संसाधन के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित कर ली जाएं।

कैसी है ये बीमारी:

मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है जो चूहों और अन्य जानवरों से इंसानों में फैलती है। संक्रमित व्यक्ति के घाव, खांसने-छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्ल या अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी एक से दूसरे व्यक्ति में इन्फेक्शन हो सकता है। बुखार, सिरदर्द, मसल्स में दर्द, सूजी हुई लसिका ग्रंथियां और त्वचा पर चकत्ते इसके शुरुआती लक्षण हैं। ज्यादातर मामलों में यह बीमारी खुद ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकती है। अगर आपको मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। खुद को दूसरों से अलग रखें और मास्क पहनें। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर और अन्य सामान को अलग रखें।

लक्षण दिखते हैं चेचक जैसे:

1- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।
2- स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा है कि यह जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है।
3- इसके लक्षण चेचक जैसे दिखते हैं।
4- इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशी में दर्द, पीठ दर्द, थकान महसूस होना, लिंफ नोड में सूजन और शरीर पर चकते, जो तीन सप्ताह तक रह सकते हैं।
5- संक्रमित मरीज के खांसने, छींकने से निकलने वाली ड्रापलेट्स से यह वायरस दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
6- संक्रमित व्यक्ति के कपड़े से भी फैल सकता है।
7- विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त एवं कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है।

ऐसे फैलता है संक्रमण:

1- मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।
2- इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बाडी फ्लूइड्स को छूने से भी मंकीपाक्स फैल सकता है।
3- जानकारों के अनुसार ठीक से मांस पका कर न खाने या संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
WHO भी हेल्थ इमरजेंसी जारी कर चुका
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है। सरकार ने एयरपोर्ट और पोर्ट हेल्थ अधिकारियों को इसके चलते अलर्ट पर रख दिया है। यात्रियों की जांच और स्क्रीनिंग की जा रही है, खासकर उन लोगों की जिनका हाल ही में अफ्रीका या अन्य प्रभावित देशों से आना हुआ है(साभार)

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