मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के साथ योग में अकादमिक और रोगोपचारक उत्कृष्टता को आगे बढ़ा रहा है

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(नई दिल्ली)20अगस्त,2024.

मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) अपने परिसर में 19 से 24 अगस्त, 2024 तक आयुष शिक्षकों, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लिए एक छह दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह कार्यक्रम दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक आयामों में योग में प्रतिभागियों की अकादमिक और रोगोपचारक विशेषज्ञता को बेहतर और उन्नत करने के लिए तैयार किया गया है। इस 6-दिवसीय कार्यक्रम का लक्ष्य प्रतिभागियों के अकादमिक और रोगोपचारक ज्ञान को पुनः सक्रिय और बेहतर करना है।

एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. काशीनाथ समागंडी ने अपने संबोधन में सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के महत्व पर बल देते हुए कहा, “आयुष मंत्रालय द्वारा प्रायोजित और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ द्वारा समर्थित इस पहल का उद्देश्य आयुष डॉक्टरों की क्षमता को बेहतर करना है, ताकि वे योग को अपनी मानक चिकित्सा पद्धतियों में शामिल कर सकें।” डॉ. समागंडी ने आगे बताया, “मंत्रालय का सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम विशेष रूप से आयुष डॉक्टरों को साक्ष्य-आधारित ज्ञान से सुसज्जित करने के लिए तैयार किया गया है, ताकि वे योग को अपने डे-टू-डे प्रैक्टिस में सहजता से शामिल कर सकें।

उद्घाटन सत्र के दौरान, सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (CBME) के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. के.के. दीपक ने इस कार्यक्रम के महत्व पर बल देते हुए, इसे “योग और संबद्ध विज्ञान में कौशल उन्नयन” के लिए एक मंच बताया। उन्होंने कहा, “उचित शोध पद्धतियों के बिना, मानव जीवन पर योग के गहन प्रभाव को पर्याप्त रूप से प्रमाणित नहीं किया जा सकता है।” डॉ. दीपक ने एलोपैथिक विज्ञान में अनुसंधान प्रोटोकॉल में मानकीकरण की तुलना आयुष मंत्रालय के चल रहे प्रयासों से की, विशेष रूप से योग विज्ञान में अनुसंधान पद्धतियों को उन्नत करने के लिए आयुर्ज्ञान योजना जैसी पहलों के माध्यम से। इस संरेखण का उद्देश्य एक निष्पक्ष डेटाबेस को विकसित करना है, जो वैज्ञानिक रूप से योगिक प्रैक्टिसेज़ की प्रभावशीलता और सुरक्षा को प्रमाणित करे।

यह कार्यक्रम नवीनतम शोध की गहन जानकारी के साथ पारंपरिक योग सिद्धांतों का मेल प्रदान कराता है। देश भर से योग अनुसंधान के अग्रणी विशेषज्ञों को लोगों तक अपना ज्ञान प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया है। सतत चिकित्सा शिक्षा में कई विषयों को शामिल किया जाएगा, जिसमें प्रोप योग, संशोधित योग के अनेक रूप, व्यावहारिक प्रदर्शन, आहार और योग, तथा आयुर्वेद और योग का एकीकरण शामिल हैं। यह अवसर देश भर से 30 चयनित प्रतिभागियों को दिया जा रहा है।

सम्मानित वक्ता योग के शाब्दिक ज्ञान, स्वास्थ्य के लिए योग अभ्यास, योग के रोगोपचारक अनुप्रयोग, योग में हाल के वैज्ञानिक अनुसंधान रुझान और आधुनिक शिक्षण पद्धतियों सहित प्रमुख विषयों पर ज्ञानवर्धक सत्रों में बोलेंगे।

इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रतिभागियों की समझ को गहरा करना तथा पारंपरिक और समकालीन वैज्ञानिक फ्रेमवर्क दोनों में उनके ज्ञान को आगे बढ़ाना है(साभारPIB)

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