( द्वारका) 25फरवरी,2024.
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सबसे लंबे केबल ब्रिज “सुदर्शन सेतु” देश को समर्पित किया। 979 करोड़ रुपए की लागत से बना यह 2.3 किमी लंबाई का केबल ब्रिज नए भारत की उच्च आधुनिक तकनीक और मजबूत बुनियादी ढांचे का
जीता जागता प्रमाण है!
सुदर्शन सेतु को बनाने में डेढ़ लाख क्युबिक मीटर पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है, जिसमें 40 से जादा एफिल टॉवर बनाए जा सकते है। इसके निर्माण में 10 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है, जो 100 ब्लू व्हेल्स के वजन के बराबर है। इसमें 1811 किमी लंबाई के केबल को प्रयोग में लाया गया है, जो माउंट एवरेस्ट से 200 गुना जादा उँचा है।
ओखा से बेट द्वारका तक बना यह केबल ब्रिज 128 मीटर उँचे पाइलॉन्स के साथ 152 केबलों पर टीका है, जिनमें प्रत्येक पाइलॉन में 76 केबल है। यानी दोनों तरफ अलग अलग लंबाई के 38 केबल लगे हुए है। समंदर की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए ब्रिज के उपर 12 पर्यटन स्थल बनाए गए हैं।