(देहरादून)28अक्टूबर,2025.
सचिव जलागम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARRA), दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) की चौथी बैठक आयोजित की गई। बैठक में जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन की दिशा में अहम निर्णय लिए गए और कुल तीन कार्ययोजनाओं को स्वीकृति दी गई, जिनकी कुल लागत ₹382.26 लाख है।
स्वीकृत परियोजनाओं में जनपद नैनीताल एवं उधमसिंह नगर के लिए भू-गर्भीय जलभृत (Aquifer) रीचार्ज की ₹207.56 लाख की कार्ययोजना और जनपद चमोली की वर्षा आधारित चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवन हेतु ₹174.70 लाख की परियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से जल संसाधनों के संरक्षण और सतत जल प्रबंधन को गति देने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में जल संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सचिव दिलीप जावलकर ने प्रदेश की रजत जयंती अवसर पर आयोजित सभी जिलों के कार्यक्रमों का डॉक्यूमेंटेशन शीघ्र प्रशासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों और नदी पुनर्जीवन से जुड़े सभी रेखीय विभाग समन्वित रूप से कार्य करें ताकि योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
सचिव ने निर्देश दिए कि जनपदीय स्तर पर SARRA समितियों की बैठकें आयोजित कर प्रस्ताव आगामी बैठक में प्रस्तुत किए जाएं। साथ ही यह भी कहा कि जल संरक्षण कार्यों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इस उद्देश्य से ग्राम पंचायत स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समितियों का गठन करने के निर्देश दिए गए, जो स्थानीय स्तर पर निगरानी का कार्य करेंगी।
सभी जनपदों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” के सिद्धांत पर तैयार की जा रही कार्ययोजनाओं में जलागम से जुड़ी गतिविधियों को प्रमुखता से सम्मिलित करने के निर्देश दिए गए। इसका उद्देश्य अधिकाधिक वर्षा जल संरक्षण एवं संवर्धन को प्रोत्साहित करना है।
बैठक में सचिव ने SARRA से जुड़े कार्यदायी विभागों की तकनीकी टीमों को वैज्ञानिक और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश भी दिए। साथ ही राज्य की अमूल्य धरोहर पारंपरिक धारों व नौलों के पुनर्जीवीकरण के लिए तत्काल चिन्हीकरण करने को कहा गया।
“वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” के सिद्धांत पर स्वीकृत परियोजनाओं के जलागम क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर पैराहाइड्रोलॉजिस्टों की ट्रेनिंग आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया, ताकि जल प्रबंधन में स्थानीय विशेषज्ञता को बढ़ावा मिले। सचिव ने परियोजनाओं में अधिकाधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए क्षमता विकास एवं कार्यशालाओं के आयोजन पर बल दिया।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहकशां नसीम ने एक करोड़ से अधिक लागत की कार्ययोजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया और कहा कि जनपदों से आने वाली योजनाओं में सभी विभाग मिलकर एक ही जलागम क्षेत्र पर केंद्रित होकर कार्य करें, ताकि उस क्षेत्र का सतत पुनर्जीवीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक में विभिन्न जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि और ग्राम विकास विभागों के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े, जबकि SARRA की राज्य स्तरीय टीम बैठक में उपस्थित रही।
