कच्छ रण बना भारत की “ग्रीन एनर्जी” का नया केंद्र

National News

(नयी दिल्ली)15सितम्बर,2025.

पाकिस्तान की सीमा से सटे गुजरात के कच्छ रण का विशाल बंजर इलाका अब भारत की स्वच्छ ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का केंद्र बन गया है. यहां अरबों डॉलर का निवेश आकर्षित हो रहा है, जिसमें उद्योगपति गौतम अदाणी और मुकेश अंबानी सबसे आगे हैं।

अदाणी समूह की खावड़ा परियोजना
कच्छ के खावड़ा गांव में अदाणी समूह ने 2022 में अपनी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना शुरू की. 538 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह पार्क पेरिस से लगभग पांच गुना बड़ा है. इसे दुनिया की सबसे बड़ी हरित ऊर्जा परियोजनाओं में से एक बताया जा रहा है।

इस परियोजना का लक्ष्य सौर और पवन ऊर्जा के जरिए 30 गीगावाट बिजली उत्पादन करना है. फरवरी 2024 में इस पार्क से राष्ट्रीय ग्रिड को पहली बिजली आपूर्ति भी कर दी गई थी. अदाणी ग्रीन एनर्जी के अनुसार अब तक 5.6 गीगावाट क्षमता चालू हो चुकी है और 2029 तक यह लक्ष्य पूरा हो जाएगा।

अदाणी समूह केवल बिजली उत्पादन ही नहीं, बल्कि सौर मॉड्यूल, पवन टर्बाइन और हरित हाइड्रोजन उत्पादन में भी निवेश कर रहा है।

अंबानी की मेगा सौर योजना
दूसरी ओर, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी पिछले साल अपनी स्वच्छ ऊर्जा योजना का ऐलान किया. इस साल की वार्षिक बैठक में अनंत अंबानी ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कच्छ में 5.5 लाख एकड़ (2,225 वर्ग किमी) भूमि पर दुनिया की सबसे बड़ी एकल-स्थल सौर परियोजनाओं में से एक स्थापित की जाएगी।

परियोजना के चरम समय में प्रतिदिन 55 मेगावाट सोलर मॉड्यूल और 150 मेगावाट-घंटे बैटरी कंटेनर लगाए जाएंगे. उनका दावा है कि यह परियोजना अगले दशक में भारत की लगभग 10 प्रतिशत बिजली जरूरतों को पूरा कर सकती है. हालांकि, रिलायंस ने अब तक कुल बिजली उत्पादन क्षमता और परियोजना की समयसीमा स्पष्ट नहीं की है।

कच्छ क्यों चुना गया?
विशेषज्ञों का कहना है कि कच्छ का यह बंजर इलाका बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सबसे उपयुक्त है. यहां प्रतिदिन औसतन 5.5 से 6.0 किलोवाट-घंटे प्रति वर्ग मीटर सौर ऊर्जा उपलब्ध होती है. साल में 300 से अधिक धूप वाले दिन होते हैं।

भूमि अनुपजाऊ और कम आबादी वाले इलाकों में है, इसलिए भूमि अधिग्रहण आसान है और विस्थापन की समस्या भी नहीं के बराबर है।

अन्य निवेशक भी आगे
केंद्र सरकार की कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने भी खावड़ा में 4.75 गीगावाट सौर परियोजना लगाने की योजना बनाई है. इस तरह, कच्छ रण अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन एनर्जी हब के रूप में उभर रहा है।(साभार एजेंसी)

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