(नई दिल्ली)31अगस्त, 2025.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जापान की यात्रा पूरी करने के बाद चीन पहुंचे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच पीएम मोदी की चीन यात्रा पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेंगे। 7 सालों में पीएम मोदी की यह पहली चीन यात्रा है, उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आमंत्रित किया है। यह निमंत्रण भारत और चीन के संबंधों में सुधार के बीच आया है। पहले 2020 में सीमा पर झड़पें हुई थीं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और कई देशों के नेताओं से मिलेंगे।
पीएम मोदी चीन में हैं क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुलाया है। भारत और चीन के रिश्ते पहले खराब थे, लेकिन अब सुधर रहे हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका, यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदने पर भारत की आलोचना कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगाया है। इससे भारत पर कुल टैक्स 50% हो गया है
पीएम मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। भारत 2017 से SCO का सदस्य है। रविवार को मोदी स्वागत भोज में शामिल होंगे। मुख्य शिखर सम्मेलन सोमवार, 1 सितंबर को होगा।
SCO शिखर सम्मेलन में, पीएम मोदी आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराएंगे। यह रुख भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष के संदर्भ में होगा। यह संघर्ष पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ था।
शिखर सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे। वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिलेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘कई द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की जाएंगी। हम अभी भी उन बैठकों को अंतिम रूप दे रहे हैं और आपको जानकारी देते रहेंगे।’
भारत के रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका नाराज है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त टैक्स लगाया है। इन चुनौतियों के बावजूद, पीएम मोदी चीन की यात्रा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
SCO एक महत्वपूर्ण संगठन है। इसके सदस्य देशों में दुनिया की 40% आबादी रहती है। यह संगठन सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देता है। पीएम मोदी की चीन यात्रा से भारत और चीन के संबंधों में सुधार की उम्मीद है। यह यात्रा SCO के सदस्य देशों के बीच सहयोग को भी बढ़ावा देगी।(साभार एजेंसी)