( देहरादून )28अगस्त,2025.
अपने आपरेशन में उत्तराखंड एसटीएफ को एक बड़ी सफलता मिली है। कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग के विरुद्ध चलाए गए अभियान में एसटीएफ ने गैंग के दो सक्रिय सदस्य मनीष उर्फ बाँलर और पंकज अष्टवाल को गिरफ्तार कर लिया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने गैंग लीडर प्रवीण वाल्मीकि के इशारे पर करोड़ों की बेशकीमती संपत्तियों पर कब्जा किया और उन्हें फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से बेच डाला। हरिद्वार क्षेत्र में यह गैंग अवैध संपत्ति और पार्किंगों पर कब्जा कर रहा था और कई हत्याओं को अंजाम दे चुका है। विरोध करने वालों को धमकाने और गोली मारने जैसे अपराध इसके गुर्गे लगातार कर रहे थे। एसटीएफ ने आरोपियों के खिलाफ थाना गंगनहर में मुकदमा दर्ज कराया है, जिनमें धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. एवं 111, 251, 352 बीएनएस शामिल हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि प्रवीण वाल्मीकि, जो पहले कुख्यात सुनील राठी गैंग का सदस्य रह चुका है, जेल में रहते हुए भी अपने गुर्गों के जरिए जमीन कब्जाने और करोड़ों की वसूली कर रहा था। वर्ष 2014 में श्याम बिहारी की मौत के बाद उसकी बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने के लिए गैंग ने वर्ष 2018 में उसके भाई कृष्ण गोपाल की हत्या कर दी। इसके बाद जब श्याम बिहारी की पत्नी रेखा ने जमीन बेचने से इंकार किया तो वर्ष 2019 में उसके भाई सुभाष पर जानलेवा हमला किया गया। डर के कारण पीड़ित परिवार रुड़की छोड़कर अज्ञात स्थान पर चला गया। इसी दौरान गैंग ने फर्जी रेखा और स्नेहलता बनाकर पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की और करोड़ों की संपत्ति हड़प ली।
एसटीएफ ने 27 अगस्त 2025 की देर रात थाना गंगनहर क्षेत्र में दबिश देकर मनीष उर्फ बाँलर (उम्र 40 वर्ष, ग्राम सुनेहरा, रुड़की) और पंकज अष्टवाल (उम्र 30 वर्ष, ग्राम सुनेहरा, रुड़की) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने गैंग से जुड़े कई अन्य लोगों की संलिप्तता का खुलासा किया है। एसटीएफ ने बताया कि प्रवीण वाल्मीकि गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है और शीघ्र ही गिरफ्तारी की जाएगी। साथ ही अब तक किए गए अन्य जमीन कब्जे और अवैध सौदों की भी जांच चल रही है।
