आपदा के बीच धराली में हुआ ध्वजारोहण,मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि

Uttarakhand News

( उत्तरकाशी)15अगस्त,2025.

आजादी का महापर्व पर आपदा के ज़ख्मों पर भारी पड़ा। आपदा प्रभावित धराली गांव में खीरगंगा के तट पर सुरक्षित बचे समेश्वर देवता मंदिर प्रांगण में आज स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के साथ ही जिंदगी को नए सिरे से संवारने का संकल्प व्यक्त किया। धराली में एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने ध्वजारोहण कर आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस अवसर पर आपदा में मृत लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया तथा पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की गई।

धराली में खोजबीन, रेस्क्यू अभियान जारी है। एनडीआरएफ की ओर से धराली में मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, हर्षिल में बनी करीब डेढ़ किमी लंबी झील ने अब बड़े दलदल का रूप ले लिया है। भागीरथी नदी में ऊपरी क्षेत्रों से बहकर आ रही गाद इसमें लगातार एकत्रित होने के कारण वहां पर कई टन मलबा जमा हो गया है। ऐसे में मशीनों से काम करने में परेशानी हो रही है।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बृहस्पतिवार को हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में बनी अस्थायी झील का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। उन्होंने कहा कि झील के मुहाने से वर्तमान में जल का प्रवाह सुचारू रूप से हो रहा है। इससे तात्कालिक रूप से किसी बड़े खतरे की आशंका नहीं है। हालांकि नदी के किनारे में बहाव को अवरोध उत्पन्न कर रहे मलबे को हटाने की दिशा में युद्धस्तर पर मैनुअल रूप से कार्य किया जा रहा है।

वहीं दलदल वाला स्थान होने के कारण भारी मशीनों की तैनाती संभव नहीं हो पा रही है। इसके लिए प्रशासन की ओर से स्थानीय संसाधनों और मजूदरों की सहायता से सफाई का कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्र में सतर्क निगरानी बनाए रखते हुए समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। यह झील पांच अगस्त को तेलगाड में आए मलबे के कारण बनी है। वहीं रात में नदी में इसका जलस्तर बढ़ने के कारण हर्षिल और आसपास के क्षेत्र के लिए खतरा बना हुआ है।(साभार एजेंसी)

Share it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *