अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश,मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Uttarakhand News

(देहरादून)03अगस्त,2025.

एसटीएफ उत्तराखण्ड की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने देशभर में ऑनलाइन साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड को छत्तीसगढ़ के भिलाई से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सरगना की काफी समय से तलाश की जा रही थी। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा दबाव बढ़ाए जाने के बाद वह लंबे समय तक नक्सली क्षेत्र दंतेवाड़ा में छिपा रहा और जैसे ही स्थिति सामान्य प्रतीत हुई, बाहर निकलते ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

विगत वर्ष 2024 में सेना से सेवानिवृत्त एक सुबेदार मेजर के साथ फॉरेन इन्वेस्टर कंपनी APOLLO INDIA PRIVATE EQUTTY (IV) (MAURITIUS) LTD. में ट्रेडिंग/इन्वेस्टमेंट के नाम पर 34 लाख 17 हजार रुपये की ठगी की गई थी, जिसके बाद इस गिरोह का खुलासा हुआ। गिरफ्तार अभियुक्त हर विलास नंदी 10 वर्षों तक दुबई में रह चुका है। उसकी फेसबुक और ईमेल आईडी वहीं बनी हैं, जबकि उसके बैंक खाते से जुड़े ईमेल का संचालन फिलीपींस में हो रहा था। ठगी की गई राशि, अभियुक्त के बैंक खाते में ट्रांसफर होने के बाद दुबई में निकाली गई।

पुलिस जांच में पता चला कि अभियुक्त के बैंक खाते से केवल एक माह के भीतर करीब 3 करोड़ 46 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है। अभियुक्त के पास से यूएई, ओमान और अमेरिका की विदेशी मुद्रा, यूएई का रेजिडेंशियल कार्ड, एक आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड और वीवो कंपनी का मोबाइल फोन बरामद किया गया है। गृह मंत्रालय के एनसीआरपी पोर्टल पर अभियुक्त के खाते को चेक करने पर यह भी सामने आया कि उसके खिलाफ पूरे भारत में कुल 37 शिकायतें दर्ज हैं।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने जानकारी दी कि देहरादून निवासी सेवानिवृत्त सुबेदार मेजर द्वारा साइबर थाना देहरादून में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि उन्होंने फेसबुक पर ट्रेडिंग से संबंधित एक ऐप देखा और डाउनलोड किया। इसके माध्यम से वे APOLLO INDIA PRIVATE EQUTTY नामक एक फॉरेन इन्वेस्टर कंपनी से जुड़े ट्रेडिंग ग्रुप में शामिल हो गए, जिसमें जसलीन कौर नामक कथित महिला ट्रेडिंग में सहायता करती थी। कस्टमर सर्विस मैनेजर द्वारा खाते की जानकारी दी जाती थी, और विभिन्न खातों में कुल 34,17,000 रुपये जमा कराए गए। पीड़ित को विभिन्न फर्जी प्रोसेस के ज़रिए लालच देकर निवेश कराया गया।

उक्त सूचना पर साइबर थाना देहरादून में मुकदमा पंजीकृत कर मामले की विवेचना शुरू की गई। जांच में घटनास्थल और खाते से संबंधित सभी डिजिटल साक्ष्य जुटाए गए। डेटा विश्लेषण से पता चला कि गिरोह का मास्टरमाइंड हर विलास नंदी भिलाई, जिला दुर्ग (छत्तीसगढ़) का निवासी है। गिरफ्तारी की भनक लगते ही वह नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा क्षेत्र में जाकर छिप गया। उसकी लोकेशन ट्रैक कर उत्तराखण्ड पुलिस की टीम ने छत्तीसगढ़ में घेराबंदी की और जैसे ही वह बाहर निकला, उसे दबोच लिया गया।

पूछताछ में अभियुक्त ने खुलासा किया कि वह दुबई में रहने के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय संपर्कों के जरिए ऐसे ठगी के नेटवर्क से जुड़ गया था। वर्तमान में वह भिलाई स्थित एक इस्पात कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। उसने कबूला कि वह अपने संपर्क में आए मजदूरों को विश्वास में लेकर उनके बैंक खाते 50 हजार से 1 लाख रुपये में खरीदता था, और फिर उनका इस्तेमाल ठगी में करता था।

अपराध के तरीके के तहत यह गिरोह व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन ट्रेडिंग/इन्वेस्टमेंट ग्रुप बनाकर लोगों को तेजी से पैसा कमाने का झांसा देता था। फर्जी विदेशी निवेश कंपनियों के नाम से ऐप डाउनलोड कराकर उनमें रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरवाया जाता और फिर निवेश के नाम पर लाखों रुपये जमा कराए जाते थे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी फर्जी वेबसाइट, ऐप, फ्रेंचाइजी, टिकट बुकिंग या धनराशि दोगुना करने वाले झांसे में न आएं। किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से पहले सत्यापन अवश्य करें और गूगल से कस्टमर केयर नंबर न सर्च करें। यदि किसी प्रकार की ऑनलाइन ठगी होती है तो तत्काल 1930 पर कॉल करें या निकटतम साइबर थाना से संपर्क करें।

इस गिरफ्तारी के साथ ही साइबर पुलिस द्वारा जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत वीडियो सामग्री हेलिसेवा साइबर पेज पर साझा की गई है और लोगों द्वारा सराही जा रही है।

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