कवियों ने सावन में समां बांधा

Uttarakhand News

(देहरादून )20जुलाई,2025.

राष्ट्रीय कवि संगम की पुरुष और महिला इकाई के संयुक्त तत्वावधान में वेलवेट स्माइल क्लीनिक, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून के सभागार में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।

कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप जलाकर की गई। इसके बाद काव्य पाठ शुरू हुआ। वरिष्ठ कवि जसवीर सिंह ‘हलधर’ ने गीत ‘चैतन्य तरुण हो गई धरा, जब से बदरा जल बरसाए। कोयल ने राग विरह छेड़ा, मल्हार रागनी दोहराए।।’ से खूब वाहवाही लूटी। शिवचरण शर्मा मुज्तर के शेर ‘मुश्किलें मिल जाएंगी या हादसा मिल जाएगा। गर्दिशों उनसे तुम्हें मेरा पता मिल जाएगा।।’ को भी खूब दाद मिली।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पा रहे,ओज कवि श्रीकांत श्री ने अपनी ओजस्वी वाणी में देशभक्ति कविता ‘मैं बोला एक चित्रकार से ऐसा चित्र बनाना तू, खेमकरण की समर भूमि में लड़ता शेर दिखाना तू, शेर बनाना ऐसा जैसा हमने 65 में देखा, भारत का इतिहास ना जिसको कर पाएगा अनदेखा, सन 33 में जन्मा था अब्दुल जिसका नाम है, पिस्टल से पैटन को फोड़ा किया अनोखा काम है।’ से खूब तालियां बटोरी।

राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कविता और गजल के लिए प्रसिद्ध मीरा नवेली ने मेघदूत सुनाकर अपनी मधुर गेयता और रस की अभिव्यक्ति से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।

प्रसिद्ध कवयित्री एवं गजलकार डॉ गार्गी मिश्रा ने जब अपनी मधुर वाणी में ग़ज़ल,”चढ़ा है मास सावन का, अजी तुम प्यार होने दो ! लगाकर अंग अंगो से, तनिक तकरार होने दो !” सुनाया तो लोग मंत्रमुग्ध हो गए और खूब तालियां बजाकर स्वागत किया।

सुप्रसिद्ध वरिष्ठ कवयित्री मीरा नवेली की अध्यक्षता और डॉ गार्गी मिश्रा के सौजन्य से हुई इस कवि गोष्ठी में वरिष्ठ कवि कृष्ण दत्त शर्मा, अंबर खरबंदा, सतेंद्र शर्मा तरंग, डॉ. अशोक कुमार मिश्र “क्षितिज”, सोमेश्वर पांडेय, निशा अतुल्य, संजय प्रधान, स्वाति मौलश्री, शिवशंकर कुशवाहा, रमेश चंद्र राजन, नीरू गुप्ता, अंशु जैन, संजय सेठी, नरेंद्र दीक्षित, इंदू जुगराण, संगीता विरमानी आदि ने भी अपनी रचनाओं में सावन मनभावन मौसम में विभिन्न रसों की फुहार से उपस्थित जनसमूह को सराबोर कर दिया। सभी कवियों एवं गजल गायकों ने सभी की खूब वाहवाही लूटी।

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