डीएम सविन बंसल ने अनाथ दिव्यांग बालिकाओं को दिलवाया नया आशियाना

Uttarakhand News

(देहरादून)16जून ,2025.

देहरादून जनपद के जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने एक बड़ी पहल करते हुए 14 बौद्धिक अक्षम, अनाथ और दिव्यांग बालिकाओं को बंद हो रहे सत्य साईं आश्रम से राफेल होम संस्था में सुरक्षित रूप से स्थानांतरित कर उन्हें नया उच्च स्तरीय आशियाना दिलवाया। यह पुनर्वास मुख्यमंत्री की प्रेरणा से एक ही स्ट्रोक में संभव हुआ।

प्रशासन को जानकारी मिली थी कि सत्य साईं आश्रम निजी और आर्थिक कारणों से बंद होने जा रहा है और बालिकाओं को रखने में असमर्थ है। जिलाधिकारी ने तुरंत हस्तक्षेप किया और कोर टीम के साथ मिलकर सभी 14 बालिकाओं को रेफेल होम संस्था में विधिवत दाखिल कराया। बालिकाओं के साथ उच्च अधिकारियों को स्वयं संस्था तक भेजकर उन्हें वहां सुरक्षित रूप से सेटल भी कराया गया।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि पंजीकरण, अंडरटेकिंग, और गारंटी प्रशासन की जिम्मेदारी है तो संस्थाओं द्वारा दिव्यांग, असहाय और अनाथ बच्चों के अधिकारों का हनन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेताया कि जो संस्थाएं सेवा के नाम पर पंजीकरण कर सिर्फ फंडिंग के लिए कार्य करती हैं, उन पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं को उनके एक दस्तखत से करोड़ों की मदद मिलती है, उन्हें नियमों के पालन के लिए भी उसी दस्तखत से जवाबदेह बनाया जाएगा। पंजीकरण और संस्तुति केवल औपचारिकता नहीं बल्कि उन पर दिव्यांगों का भविष्य निर्भर है। जो संस्थाएं मानकों से बाहर हैं, उनके खिलाफ प्रशासन शीघ्र कार्रवाई करेगा।

बालिकाओं को शिफ्ट करने में जिला प्रशासन के वाहन लगाए गए। अब रेफेल होम संस्था बच्चों की पढ़ाई, भोजन और देखभाल की जिम्मेदारी निभाएगी। जिलाधिकारी ने इस कार्य में मुख्य विकास अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी की सराहना की।

बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष नमिता ममगाईं ने कहा कि डीएम के प्रयासों से जरूरतमंद बच्चों के जीवन को नई दिशा मिल रही है। इससे पहले दिव्यांग बालिकाओं को संस्थाओं द्वारा एडमिशन न दिए जाने के मामले पर डीएम ने 10 बिंदुओं पर उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी थी और कड़े निर्देश दिए थे कि समयबद्ध रिपोर्ट पेश की जाए।

डीएम ने कहा कि यह संस्थाएं राज्य, केंद्र और विदेशी सहायता से संचालित होती हैं और पंजीकरण के समय दर्शाए गए संसाधन, स्टाफ और सुविधाएं मौके पर नहीं पाई जाती हैं। अगर मानकों का उल्लंघन पाया गया, तो संबंधित संस्थाओं का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा।

इस दौरान बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष नमिता ममगाईं, पियो लाल (रेफेल होम), सदस्य नीतू कांडपाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट और साईं आश्रम प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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