(देहरादून) 22मई,2025.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी रोड स्थित एक होटल में “एक देश, एक चुनाव” विषय पर आयोजित संयुक्त संसदीय समिति के संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने समिति के अध्यक्ष श्री पी.पी. चौधरी सहित सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए इस पहल को लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम* बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न समयों पर चुनाव होने से बार-बार आचार संहिता लागू होती है, जिससे राज्य सरकार की विकास योजनाओं और नीतिगत निर्णयों पर असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में आचार संहिता के कारण राज्य प्रशासन 175 दिनों तक नीतिगत निर्णयों से वंचित रहा, जो सीमित संसाधनों वाले राज्य के लिए एक बड़ी बाधा है।
धामी ने यह भी कहा कि अगर विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं तो **राज्य और केंद्र पर व्यय भार साझा होगा, और कुल चुनावी खर्च में 30 से 35 प्रतिशत की बचत संभव है। इस बचत का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, जल, कृषि और महिला सशक्तिकरण जैसे अहम क्षेत्रों में किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भौगोलिक और मौसमी चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा कि जून से सितंबर के बीच चारधाम यात्रा और बारिश, तथा फरवरी-मार्च में बोर्ड परीक्षाओं के चलते चुनावी प्रक्रिया में अड़चनें आती हैं। बार-बार चुनाव होने से न केवल प्रशासनिक संसाधनों पर दबाव पड़ता है, बल्कि मतदान प्रतिशत** में भी गिरावट आती है, खासकर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में।
मुख्यमंत्री ने “एक देश, एक चुनाव” की अवधारणा को राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत निरंतरता, और जनता की भागीदारी को बढ़ाने वाला कदम बताया।