बाहरी वाहनों की एंट्री होगी महंगी,30 फीसदी तक बढ़ेंगी ग्रीन सेस की दरें

Uttarakhand News

(देहरादून)17मई,2025.

बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी निजी, व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश महंगा होगा। कैबिनेट ने ग्रीन सेस की दरों में 28 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। व्यावसायिक वाहनों से पहले से ग्रीन सेस वसूला जा रहा है। बाहरी राज्यों के निजी वाहनों के लिए 15 जून के बाद वसूली शुरू होगी।

कैबिनेट निर्णय के तहत, प्रदेश में पंजीकृत होने वाले वाहनों का ग्रीन सेस यथावत रखा गया है। अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों से पहले से ही ग्रीन सेस वसूल किया जा रहा है, लेकिन वर्ष 2021 में चेकपोस्ट बंद होने के बाद राज्य में प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों के निजी श्रेणी के वाहनों से ग्रीन सेस वसूल किया जाना संभव नहीं हो पा रहा था। ग्रीन सेस की दरों में बढ़ोतरी के साथ ही अब बाहरी राज्यों को प्रवेश के लिए 80 से 700 रुपये खर्च करने होंगे।

ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे की मदद से ग्रीन सेस की कटौती वाहन के फास्टैग खाते से की जाएगी। इसके लिए सिस्टम इंटीग्रेटर का चयन हो गया है। अब सिस्टम इंटीग्रेटर, नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और वाहन सॉफ्टवेयर के इंटीग्रेशन की कार्रवाई चल रही है। एक माह के भीतर वाहनों से ग्रीन सेस वसूली शुरू की जाएगी।

इतना वसूला जाएगा ग्रीन सेस:
वाहन श्रेणी ग्रीन सेस (रुपये में)
भारी वाहन 3 एक्सल 450
भारी वाहन 4 से 6 एक्सल 600
7 एक्सल या इससे अधिक – 700
मध्यम और भारी माल वाहन (7.5 से 18.5 टन) – 250
हल्के माल वाहन(3 से अधिक और 7.5 टन से कम) – 120
डिलीवरी वैन(3 टन तक) – 80
भारी निर्माण उपकरण वाहन – 250
बस 12 सीट से अधिक 140
मोटर कैब, मैक्सी कैब और पैसेंजर कार 80

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(नोट-राज्य में प्रवेश पर हर बार फास्टैग खाते से कटेगी रकम)

ईवी और दोपहिया वाहनों पर सेस नहीं:
प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले इलेक्ट्रिक वाहन और दोपहिया वाहनों पर सेस नहीं लागू नहीं होगा। इसके अलावा उत्तराखंड में पंजीकृत वाहनों से भी नई व्यवस्था में ग्रीन सेस वसूली नहीं की जाएगी (साभार एजेंसी)

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