(नैनीताल)08मई,2025.
उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी अपने कई उपलब्धियां के लिए जाना जाता है।अनुसंधान केंद्र दुर्लभ और औषधि पेड़ पौधों और वनस्पतियों को संरक्षित करने का काम भी कर रहा है। अनुसंधान केंद्र ने कई ऐसे दुर्लभ वनस्पतियों की भी खोज की है जो विलुप्ति की कगार पर थे।
वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी अलग-अलग वन वाटिका के माध्यम से लोगों को वनस्पतियों को संरक्षित करने का संदेश भी दे रहा है।अनुसंधान केंद्र में ऐसे पेड़ पौधे और वनस्पतियां हैं जो मनुष्य के जीवन से जुड़ी हैं। अनुसंधान केंद्र में एक ऐसे वाटिका बनाई गई है जिस वाटिका में हर मर्ज का पौधा है, जिससे अपनी बीमारियां ठीक कर सकते हैं।वाटिका में मनुष्य के अलग-अलग अंगों के अलग-अलग बीमारियों के लिए वनस्पतियां लगाई गई हैं. जिसके माध्यम से लोग इन वनस्पतियों से अपना इलाज कर सकते हैं।
अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया अनुसंधान केंद्र के वाटिका में औषधि और दुर्लभ वनस्पतियों को संरक्षित करने का काम किया गया है। इस वाटिका में शरीर के अलग-अलग अंगों के मर्ज में लाभदायक मानी जानी वाली औषधियां पेड़ पौधे वनस्पतियों को भी लगाया गया है।जिसके माध्यम से लोग इन वनस्पतियों से अपनी बीमारी का इलाज कर इसे ‘मानव अंग वाटिका’ का नाम दिया गया है. सिर, पेट, श्वांस, त्वचा के अलावा हड्डी रोग से संबंधित अलग-अलग बीमारियों को ठीक करने वाले औषधीय पौधे लगाए गए हैं।
बकायदा बोर्ड लगाकर लोगों को हर पौधे का नाम और महत्व भी बताया गया है। जिससे लोग बीमारियों में इन वनस्पतियों के महत्व को समझ सके। आयुर्वेद में इन बृहस्पतियों का बड़ा महत्व है। अगर कोई वनस्पतियों और पेड़ पौधों को अपने यहां लगाना चाहता है तो वन अनुसंधान केंद्र से उचित मूल्य पर खरीद कर अपने घरों में लगाकर इन वनस्पतियों के प्रयोग से अपनी बीमारियों को दूर कर सकते हैं।
आयुर्वेद डॉक्टर दीपा भट्ट ने कहा आयुर्वेद में वनस्पतियों का बड़ा महत्व होता है. वनस्पतियों और पेड़ पौधों से आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार की जाती है. ऐसे में मनुष्य के जीवन में औषधि पेड़ बहुत ही बड़ा महत्व रखता है(साभार एजेंसी)