(गाजियाबाद UP)03जनवरी,2025.
नए साल में शहर को नई उड़ान का तोहफा मिलेगा। इस वर्ष मुरादाबाद एयरपोर्ट से देहरादून व गाजियाबाद की फ्लाइट शुरू होगी। इसकी घोषणा फ्लाई बिग कंपनी कर चुकी है। मुरादाबाद से देहरादून के बीच फ्लाइट का सफल ट्रायल हो गया है। फ्लाई बिग ने फ्लाइट का समय व किराया भी जारी किया लेकिन कोहरे के कारण उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
मुरादाबाद से लखनऊ के लिए पहले ही 19 सीटर विमान संचालित हो रहा है। इस साल देहरादून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे व गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे तक विमान सेवा शुरू होगी। कानपुर की फ्लाइट की योजना भी बनाई जा रही है। फ्लाई बिग के पुराने बयान के मुताबिक मुरादाबाद से देहरादून तक जाने के लिए विमान का किराया 1300 रुपये होगा।
बेस फेयर 999 रुपये है। इसके अतिरिक्त जीएसटी और अन्य कर रहेंगे। सप्ताह में हर दिन फ्लाइट की सुविधा मिलेगी। कंपनी ने उड़ान शुरू करने के लिए डीजीसीए से अनुमति मांगी है। दावा के मुताबिक विमान एक घंटा 10 मिनट में 202 किलोमीटर की दूरी तय कर देहरादून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचेगा।
वहीं गाजियाबाद की फ्लाइट को पहुंचने में महज 45 से 50 मिनट लगेंगे। फ्लाई बिग के प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि 15 मार्च तक कोहरे के कारण विमानन सेवा रद्द है। इसके बाद पहले की तरह लखनऊ की सेवा शुरू होगी। साथ ही बहुत जल्द देहरादून गाजियाबाद की फ्लाइट की घोषणा भी हो सकती है। मुरादाबाद एयरपोर्ट से एक ही समय पर तीन शहरों के लिए फ्लाइट मिल पाएगी।
लखनऊ की फ्लाइट में फुल रहती हैं सीटें
फिलहाल मुरादाबाद से लखनऊ के लिए 19 सीटर विमान उड़ान भरता है। कोहरा शुरू होने से पहले सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बृहस्पतिवार व शनिवार को उड़ान की सेवा दी जा रही थी। 10 अगस्त को उद्घाटन के बाद लगातार सीटें फुल चलीं। कोहरे के कारण निरस्तीकरण के समय भी फ्लाई बिग को यात्रियों के रुपये वापस करने पड़े।
रक्षाबंधन से लेकर दशहरा व दीवाली तक खूब बुकिंग रही। सवा घंटे में लखनऊ पहुंचने का आकर्षण फ्लाई बिग के पास यात्रियों की कमी नहीं होने देता। फ्लाई बिग के कार्यकारी निदेशक राजीव कुमार भी कह चुके हैं कि मुरादाबाद-गाजियाबाद व मुरादाबाद-देहरादून के बीच बहुत जल्द फ्लाइट शुरू होगी।
मुरादाबाद एयरपोर्ट पर नहीं है कोहरे में लैंडिंग की क्षमता
मुरादाबाद एयरपोर्ट पर कोहरे में विमान की लैंडिंग कराने के लिए दृश्य क्षमता नहीं है। एयरपोर्ट पर पांच हजार मीटर की दृश्यता में विमान उतारने की गाइडलाइन है। जबकि कोहरे के कारण दृश्यता 200 से भी कम रह जाती है। लिहाजा फ्लाइट रद्द करनी पड़ीं।
जानकारों का कहना है कि धुंध में विमान उतारने के लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम यानी आईएलएस की जरूरत है। लखनऊ, दिल्ली आदि एयरपोर्ट पर यह लैंडिंग सिस्टम लगा है। मुरादाबाद में छोटा एयरपोर्ट होने के कारण अधिक खर्च की इस जरूरत को टाला जा रहा है। भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार होने पर रनवे पर आईएलएस लगाया जा सकता है।
फिलहाल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति पत्र लिए जा रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक करीब 500 किसान सहमति दे चुके हैं। जल्द ही यहां से विभिन्न शहरों की उड़ान शुरू होगी। इनमें गाजियाबाद व देहरादून पहले नंबर पर है। -राजेश कुमार, एजीएम फ्लाइंग(साभार एजेंसी)