(नई दिल्ली) अंतिम पंघाल को अर्जुन पुरस्कार दिया जाएगा। अंतिम पंघाल वह रेसलर है जो विनेश फोगाट की जगह एशियाई खेलों में गई थी और पदक भी जीता था l
हिसार के गांव भगाना की पहलवान अंतिम पंघाल का नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुना गया है। एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद अब वह ओलिंपिक की तैयारी कर रही है। उनका सपना है कि वह ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीते। अंतिम पंघाल ने पहली बार एशियन गेम्स खेलते हुए कांस्य पदक हासिल किया।
अंतिम के पिता खेतीबाड़ी करते हैं और मां गृहणी है। वे 5 बहन-भाई हैं, जिनमें से 4 बहन और एक भाई है। अंतिम पंघाल का कहना है कि वे सुबह करीब साढ़े 5 बजे प्रैक्टिस पर जाती है और करीब साढ़े 9 बजे तक अभ्यास करती है। वहीं शाम को 5 से करीब साढ़े 8 बजे तक अभ्यास करती है। अंतिम के पिता रामनिवास ने बेटी के अभ्यास करवाने के लिए जब आर्थिक तंगी आई तो अपनी करीब डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी थी।हिसार की रेसलर अंतिम पंघाल को अर्जुन अवॉर्ड:पिता ने बेटी की पहलवानी के लिए बेच दी जमीन; रोज साढ़े 7 घंटे प्रेक्टिस, ओलिपिंक खेलेंगी अंतिम पंघाल ने हाल ही में हुए एशियन गेम्स में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अब वह ओलिंपिक की तैयारी कर रही है।
