2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य,सात स्थानों पर 25 परमाणु संयंत्र संचालित

National News

(नई दिल्ली)30अप्रैल,2025.

देश ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के पायदान पर पहुंच गया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस विकसित भारत के संकल्प को साकार करते हुए परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना है। 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल, देशभर में सात स्थानों पर 25 परमाणु संयंत्र संचालित हैं। केंद्र सरकार परमाणु संयंत्रों को बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ रही है। केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई संसद की परामर्शदात्री समिति की बैठक में देश में परमाणु विद्युत उत्पादन के विकास का रोडमैप तैयार हुआ है।

गुजरात में आयोजित हुई संसद की परामर्शदात्री समिति की बैठक में सांसदों ने परमाणु ऊर्जा के प्रयोग में तेजी लाने और परियोजनाओं के क्रियान्वयन, प्रौद्योगिकी विविधिकरण के साथ इको-सिस्टम बनाने का सुझाव दिया। बैठक में जानकारी साझा की गई कि देशभर में सात स्थानों पर 25 परमाणु संयंत्र संचालित कर रहा है, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 8,880 मेगावाट है, जो देश के बिजली उत्पादन में लगभग 3 प्रतिशत का योगदान देता है। 6,600 मेगावाट क्षमता वाले आठ रिएक्टर निर्माणाधीन हैं, और 7,000 मेगावाट क्षमता वाले अन्य दस रिएक्टर परियोजना-पूर्व चरणों में हैं।

2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य:
केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य है। गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन की हिस्सेदारी बढ़ाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस है। बिजली क्षेत्र वैश्विक ऊर्जा-सम्बंधित उत्सर्जन में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है, इसलिए परमाणु ऊर्जा, गैर-जीवाश्म और स्थिर ऊर्जा स्रोत होने के चलते भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही बिजली उत्पादन में हाइड्रोजन उत्पादन, विलवणीकरण, प्रक्रिया भाप और अंतरिक्ष के गर्म होने के उपायों की ओर भी कदम बढ़ाया जा रहा है।

परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के क्रियान्यवन में तेजी:
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विद्युत मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, राज्य सरकार और अन्य हित धारकों के साथ मिलकर परमाणु ऊर्जा परियोजना के क्रियान्यवन में तेजी लाई जाएगी, ताकि भारत के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। परमाणु ऊर्जा की सुरक्षा और लाभों के बारे में सार्वजनिक धारणा को मजबूत करना और जागरूकता बढ़ानी होगी। इसके साथ ही परियोजना समयसीमा को कम करने के लिए विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और प्रतिस्पर्धी परमाणु टैरिफ सुनिश्चित करने के लिए कर रियायतें, हरित ऊर्जा वर्गीकरण और दीर्घकालिक वित्तपोषण लागू करना होगा। प्रौद्योगिकी विकल्पों में विविधता लाने के साथ मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना होगा और विविध यूरेनियम ईंधन स्रोतों को सुरक्षित करने तथा विशिष्ट परमाणु उपकरणों के लिए विक्रेता आधार का विस्तार करना होगा।

45 मेगावाट सौर पीवी पैनल एसेंबली लाइन का निरीक्षण
गुजरात दौरे के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने गांधीनगर स्थित पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय का दौरा किया। उन्होंने इस दौरान अत्याधुनिक 45 मेगावाट सौर पीवी पैनल एसेंबली लाइन का निरीक्षण किया। पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय ऊर्जा और पेट्रोलियम अध्ययन में भारत का प्रमुख संस्थान है, जोकि भारत के ऊर्जा भविष्य में नेतृत्व करने वाले छात्रों को तैयार कर रहा है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने काकरापार में परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी टेक्नालोजी से निर्मित मेक इन इंडिया का सबसे बड़ा उदाहरण है।

गुजरात के सीएम ने की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात:
गुजरात दौरे के दौरान के केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से गांधीनगर में उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गुजरात में बिजली और शहरी विकास क्षेत्रों से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने राज्य में चल रही और आगामी परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की, जिसमें ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और स्वच्छ ऊर्जा में तेजी लाने पर चर्चा हुई। गुजरात सरकार ने वटामन और पिराना में महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन परियोजनाओं से संबंधित लंबित भूमि अधिग्रहण और राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) मुद्दों के समाधान को तेजी से आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया(साभार एजेंसी)

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