(देहरादून)10फरवरी,2025.
राष्ट्रीय खेलों में ट्रैप शूटिंग प्रतियोगिता के महिला वर्ग में गोल्ड जीतने वाली नीरू ढांडा ने किसान पिता की डबल बैरल बंदूक से निशाना लगाना शुरू किया। मध्य प्रदेश शूटिंग एकेडमी में खेल की बारीकियां सीखते हुए वे सटीक निशानेबाज बन गईं। अपनी जीत से उत्साहित नीरू ने इसका श्रेय अपने मुख्य कोच मनसेर सिंह के साथ ही एकेडमिक कोच इंद्रजीत सिकदर और शूटिंग एकेडमी को दिया है। नीरू गुजरात में 2022 में हुए राष्ट्रीय खेलों में भी गोल्ड जीत चुकी है।
ट्रैप शूटिंग प्रतियोगिता में क्वालीफाइंग मुकाबले में नीरू ने 125 में 115 बर्ड पर निशाना साधकर पहले पायदान पर रही थी। फाइनल मुकाबले में 50 में से 43 अंक पाकर नीरू ने गोल्ड झटक लिया। अपनी उपलब्धि पर खुश नीरू ने कहा कि उन्होंने खूब संघर्ष किया और गोल्ड जीतकर काफी अच्छा लग रहा है। आने वाले समय में शूटिंग का भविष्य अच्छा है और ओलंपिक में भारत गोल्ड मेडल जीतेगा।
कहा कि उनके पिता सुरेश कुमार किसान हैं। पिता ने उनके शूटिंग के लिए प्रेरित किया और इसकी बदौलत आज उपलब्धि मिली है। कहा कि वे पांच राष्ट्रीय और चार अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में खेल चुकी हैं। उन्होंने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था।
ममेरे भाई की जीत से हुई प्रेरित
नीरू की सहायक कोच महिमा विश्वकर्मा ने बताया कि नीरू के ममेरे भाई लक्ष्य शेरोन ने 2018 में एशियन खेलों में रजत पदक जीता था। इसके बाद से नीरू ने इस खेल में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी। 2019 में मध्य प्रदेश शूटिंग एकेडमी को नीरू ज्वाइन कर लिया था। बताती हैं कि नीरू के घर पर परिवार की डबल बैरल बंदूक थी। इस बंदूक से नीरू ने टिन के डिब्बों में निशाना लगाने की प्रैक्टिस की थी। नीरू ने शूटिंग के गुर सीखने के बाद उपलब्धियों का सफर शुरू किया था। 2020 में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शॉटगन शूटिंग अंडर 21 में सिंगल व डबल मुकाबलों में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता था। वर्ष 2023 में दिल्ली में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में ट्रैप शूटिंग में गोल्ड जीता था। बीते जनवरी में दिल्ली में ही नेशनल चैंपियनशिप में टीम इवेंट में बेहतर प्रदर्शन किया था।