(प्रयागराज UP)29जनवरी,2025.
सावन-भादों की बाढ़ में उफनाती नदियों की लहरें जैसे समुद्र में मिलने के लिए आतुर हों, उसी तरह मंगलवार की पौ फटने से पहले संगम जाने वाले हर मार्गों पर आस्था का जन सागर उफनाने लगा। दोपहर तक 1.10 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। महाकुंभ के इस सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व पर 10 करोड़ से अधिक संतों-भक्तों के डुबकी लगाने का अनुमान है। मौनी अमावस्या पर बुधादित्य योग के साथ सर्वसिद्धि योग में सूर्य के मकर और गुरु के बृषभ राशि में गोचर करने के साथ ही आधी रात संगम की अमृतमयी त्रिवेणी में मौन डुबकी आरंभ हो गई।
चाहे लाल मार्ग हो या काली मार्ग या त्रिवेणी मार्ग, हर तरफ सिर पर गठरी, कंधे पर झोला और हाथ में बोरा लिए आस्था की डगर पर लपकते श्रद्धालु नजर आने लगे। इंदौर से आई लक्ष्मी सरस्वती छिवकी रेलवे स्टेशन से पैदल 15 किमी चलकर रुकते-बैठते हुुए संगम पहुंचीं। वह कहती हैं कि चाहत सिर्फ संगम के जल के स्पर्श की।
मां गंगा की गोंद में आने का सौभाग्य ही उनके लिए बड़ी बात है। वह अपने पुत्र के लिए नौकरी, बेटी के लिए योग्य वर का मांगन मां गंगा से मांगने आई हैं। अमृत स्नान के लिए वह इससे दो गुनी अधिक दूरी तय कर सकती थीं। इसी तरह गुजरात के कच्छ से पत्नी सुमित्रा बेन के साथ आए जगमोहन भाई भी प्रयागराज जंक्शन से आठ किमी की दूरी पैदल तय कर संगम पहुंचे, लेकिन चेहरे पर थकान की जगह खुशी के भावों से भरे मिले।
वह कहते हैं कि तंबुओं की नगरी की अद्भुत छटा के बीच साधु-संतों के दर्शन और अमावस की डुबकी का उन्हें लंबे समय से इंतजार था। मां गंगा की कृपा से अब वह आस पूरी हो गई है। इसी तरह सिर्फ संगम के जल का स्पर्श करने की चाह लेकर करोड़ों श्रद्धालु संगम के आस्था पथ पर मौन डुबकी के लिए बिना रुके, बिना थके दिन रात आगे बढ़ रहे हैं।
मेला प्रशासन और कुम्भ पुलिस ने अमृत स्नान पर्व को देखते हुए व्यापक तैयारियां की हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। संगम तटों पर बैरिकेडिंग का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे। श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए हर सेक्टर और जोन में विशेष व्यवस्था की गई है। इस दौरान किसी भी तरह का प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।
भीड़ प्रबंधन के लिए आईट्रिपल सी सक्रिय
संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ जमा न हो, इसके लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर मॉनिटरिंग करेगा। भीड़ वाले इलाकों में त्वरित कार्यवाही के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं। प्रमुख मार्गों पर खास निगरानी की जा रही है। साथ ही, अराजक और संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।
अतिक्रमण और अवैध दुकानों पर कार्रवाई
मेला क्षेत्र में अतिक्रमण कर लगाए गए अवैध दुकानों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। निरंतर कारवाई भी की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा के लिए साफ और चौड़ी सड़कें उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्वच्छता कर्मियों को साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
पार्किंग और साइनेज की विशेष व्यवस्था
सभी पार्किंग क्षेत्रों को सक्रिय कर दिया गया है, जहां श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। ट्रैफिक प्लान के अनुसार पहले सबसे पास की पार्किंग में वहां पार्क कराए जाएंगे और इसके बाद दूसरी पार्किंग को उपयोग में लाया जाएगा। 2000 से अधिक नए साइनेज लगाए गए हैं ताकि लोग सही दिशा में आसानी से जा सकें।
मेला चैटबॉट से मिलेंगी सभी जानकारी
श्रद्धालुओं को मेला का आधिकारिक चैटबॉट डाउनलोड करने की अपील की गई है। यह चैटबॉट श्रद्धालुओं को हर तरह की जानकारी देगा, जिससे उनकी यात्रा और भी सुविधाजनक होगी। इसके साथ ही गूगल नेविगेशन और पुलिसकर्मी भी श्रद्धालुओं को सही राह दिखाएंगे।
भीड़ प्रबंधन के लिए प्रयागराज में बनाए गए हैं 80 ठहराव स्थल
संगम के नजदीक बने 24 सैटेलाइट पार्किंग स्थल
अमृत स्नान के लिए सात रूटों से मेले में आएंगे करोड़ाें श्रद्धालु।
102 पार्किंग स्थलों पर पार्क किए जा सकेंगे पांच लाख से अधिक वाहन।
सामान्य दिनों और मुख्य स्नान पर्वों के लिए तैयार की गई अलग–अलग यातायात व्यवस्था।
4000 हेक्टेयर में बसाया गया है महाकुंभ।
25 सेक्टरों में की गई है मेले की बसावट
12 किलोमीटर लंबे घाटों पर हो रहा है अमृत स्नान
1850 हेक्टेयर में पार्किंग स्थल बनाए गए
67 हजार स्ट्रीट लाइट से जगमग हुई महाकुंभ नगरी
1.50 लाख डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए हैं.।
1.60 लाख टेंट लगाए गए हैं।
25 हजार लोगों के लिए फ्री बेड की सुविधा(साभार एजेंसी)