(नई दिल्ली)11अक्टूबर,2024.
इस्राइल और लेबनान के बीच जारी संघर्ष के चलते इस क्षेत्र के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ‘ब्लू लाइन’ (लेबनान को इजराइल और गोलान हाइट्स से अलग करती है) के हालातों को लेकर बयान जारी किया है। भारत ने हाल ही में घायल हुए संयुक्त राष्ट्र के कुछ कर्मियों की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। भारत बिना किसी का नाम लिए इस्राइल पर निशाना साधा है।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह पश्चिमी एशिया के कुछ हिस्सों में “बिगड़ती” सुरक्षा स्थिति को लेकर “चिंतित” है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। यूएन की अखंडता का सभी को सम्मान करना चाहिए। यूएन शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी उचित उपाय किए जाने चाहिए।
‘संयुक्त राष्ट्र परिसरों की पवित्रता का सभी को सम्मान करना चाहिए’:
संयुक्त राष्ट्र द्वारा रेखांकित ब्लू लाइन 120 किलोमीटर लंबी है और लेबनान को इजराइल और गोलान हाइट्स से अलग करती है लेकिन यह कोई आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, संयुक्त राष्ट्र परिसरों की पवित्रता का सभी को सम्मान करना चाहिए तथा संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा और उनके कार्यक्षेत्र की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए।
लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षण मिशन ‘लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल’ (यूएनआईएफआईएल) ने 10 अक्टूबर को एक बयान में कहा, ‘ब्लू लाइन पर हाल में तनाव बढ़ने से दक्षिण लेबनान में कस्बों और गांवों में व्यापक विनाश हो रहा है’।
बयान में आरोप लगाया गया, ‘पिछले दिनों में, हमने नकौरा और अन्य क्षेत्रों में लेबनान में इजराइल की ओर से घुसपैठ देखी है। इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) के सैनिकों ने लेबनान में हिजबुल्ला के लड़ाकों के साथ संघर्ष किया है।’
बता दें कि, इस्राइली हमले में दो शांतिसैनिक घायल हुए हैं। हालांकि उनकी चोटें गंभीर नहीं हैं और उनकी हालत खतरे से बाहर है।इंडोनेशिया के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ने कहा कि इससे पता चलता है कि इस्राइल कैसे खुद को अंतरराष्ट्रीय कानूनों से ऊपर समझता है(साभार एजेंसी)