उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए बनेगी “धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद”

Uttarakhand News

(देहरादून) 04जुलाई,2024.

प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार देवभूमि में चारधाम,श्रीनंदा राजजात, आदि कैलास सहित अन्य धार्मिक यात्राओं और बड़े मेलों का प्रबंधन करने के लिए उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन किया जाएगा।

सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस सिलसिले में गठित उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दी गई रिपोर्ट में उक्त परिषद की संस्तुति की है। तीन स्तरों पर बनने वाली यह परिषद हर साल सक्रिय रहकर यात्राओं और मेलों का संचालन और प्रबंधन करेगी। समिति ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के आयुक्तों को परिषद के सीईओ की जिम्मेदारी भी दी है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा समेत अन्य यात्राओं में भीड़ को नियंत्रित करना और यात्रा के दृष्टिगत व्यवस्थाएं बनाना हमेशा एक चुनौती रही है। चारधाम यात्रा की शुरुआत में इस बार आई मुश्किलों के बाद, प्रदेश भर में होने वाली यात्राओं के संचालन और प्रबंधन के लिए एक प्राधिकरण, परिषद या संस्था की स्थापना की जरूरत महसूस हुई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई। समिति में पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल केएस नगन्याल, गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एपी अंशुमन, दिलीप जावलकर और सचिव सचिन कुर्वे शामिल थे।

सभी पहलुओं पर समीक्षा की गई। बुधवार शाम को समिति के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी, जिसमें समिति के अध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन भी शामिल थे। इसमें भविष्य में राज्य की यात्राओं को सुचारु और आसान बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, समिति के अध्यक्ष और सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे।

सूत्रों ने बताया कि समिति ने राज्य में उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद को तीन स्तरों पर बनाने की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद राज्य स्तर पर नीति बनाएगी, जबकि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली परिषद सुनवाई और मूल्यांकन करेगी। दोनों मंडलों में काम करने और योजना बनाने के लिए मंडलायुक्तों की अध्यक्षता में परिषद बनाई जाएगी। गढ़वाल और कुमाऊं के मंडलायुक्त परिषद के सीईओ होंगे। सूत्रों ने बताया कि परिषद ने कांवड़ यात्रा को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा है।(साभार)

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