“समान नागरिक संहिता”: मुख्यमंत्री धामी ने रच दिया इतिहास

Uttarakhand News

(देहरादून) 07 फरवरी,2024.

उत्तराखंड के कॉमन सिविल कोड (यूसीसी) को विधानसभा ने पारित कर दिया है। ऐसा करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसके मुख्यमंत्री ने ‘समान नागरिक संहिता’ की परिकल्पना की और इसे लागू करने की दिशा में बहुत तेजी से काम किया है।
अब इसके लागू होने की महज औपचारिकता ही बाकी है।

2022 के विधानसभा चुनाव में मतदान होने के बाद सीएम धामी ने कहा था कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया जाएगा। नतीजा आने के बाद धामी ने फिर से मुख्यमंत्री की शपथ ली और सबसे पहले यूसीसी का एक ड्राफ्ट तैयार करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी।

विशेषज्ञ कमेटी अपना काम करती रही और मुख्यमंत्री धामी लगातार यह दोहराते रहे कि ड्राफ्ट मिलते ही इसे लागू किया जाएगा। दो फऱवरी को कमेटी ने 800 पेज का ड्राफ्ट सौंप दिया। इसका परीक्षण करवाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार फरवरी को ही इसे कैबिनेट से मंजूर भी करवा लिया। धामी ने इसके लिए विस का एक चार दिवसीय विशेष सत्र आहूत किया। छह फरवरी को इस बिल को विस के पटल पर पेश कर दिया गया। छह और सात जनवरी को इस पर चर्चा के बाद बिल को पारित कर दिया गया है। विपक्षी कांग्रेस के विधायकगण इस बिल को प्रवर समिति को सौंपने की मांग करते रहे पर सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि अगले एक सप्ताह में बिल को मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा। ऐसा होने के बाद इस देवभूमि को तमाम कुरीतियों से निजात मिल जाएगा। इस बिल में महिलाओं को संतानों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं।

“समान नागरिक संहिता” (यूसीसी) की अपनी परिकल्पना को साकार करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां सभी नागरिकों के एक समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) लागू किया जा रहा है। आजादी के बाद संविधान सभा में भी इस पर खासी चर्चा हुई। लेकिन कोई राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठा सकी। यह विषय संविधान की समवर्ती सूची में लिहाजा राज्य सरकार भी इस पर कानून बना सकती है। लेकिन कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी की औपचारिकता भी पूरी करनी होगी। केंद्र में भी भाजपा की सरकार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके पक्षधर हैं। ऐसे में ‘समान नागरिक संहिता ‘(यूसीसी ) को मंजूरी मिलने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली।
अब ऐसा माना जाने लगा है कि आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों की भाजपा सरकारें सीएम धामी के नक्शेकदम पर चल सकती हैं।

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