(नई दिल्ली)16दिसंबर,2025.
ट्रैफिक जाम के ऊपर से उड़कर अपने गंतव्य तक पहुंचने का सपना अब जल्द ही हकीकत बन सकता है। अमेरिका की कंपनी एलेफ एयरोनॉटिक्स ने दावा किया है कि दुनिया की पहली फ्लाइंग कार का उत्पादन शुरू हो गया है। करीब 2.35 लाख पाउंड (करीब 2 करोड़ 9.6 लाख रुपये) की कीमत वाली यह भविष्य की कार न सिर्फ सड़क पर चल सकती है। बल्कि जरूरत पड़ने पर हवा में उड़ान भरने में भी सक्षम है। एक दशक से ज्यादा समय तक चले विकास कार्य के बाद कंपनी ने एलान किया है कि पहले ग्राहकों को जल्द ही उनकी फ्लाइंग कार सौंपी जाएगी।
सिलिकॉन वैली में हाथ से तैयार होंगी पहली कारें:
एलेफ एयरोनॉटिक्स के मुताबिक, शुरुआती फ्लाइंग कारों को कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली स्थित कंपनी की फैसिलिटी में हाथ से तैयार किया जाएगा। हर एक कार को पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने में कई महीने लगेंगे। इसी वजह से पहले चरण में केवल कुछ चुनिंदा ग्राहकों को ही ये कारें दी जाएंगी, ताकि वास्तविक परिस्थितियों में इनका परीक्षण किया जा सके। कंपनी का मानना है कि धीरे-धीरे डिलीवरी देने से संभावित खामियों को समय रहते दूर किया जा सकेगा। इससे पहले कि इसे बड़े पैमाने पर उत्पादन में लाया जाए।
कंपनी का दावा-सही समय पर शुरू हुआ उत्पादन:
एलेफ एयरोनॉटिक्स के सीईओ जिम दुखोवनी ने कहा कि कंपनी तय समय पर पहली फ्लाइंग कार का उत्पादन शुरू करने में सफल रही है। उनके मुताबिक, टीम ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की, क्योंकि लोग लंबे समय से इस तकनीक का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब आखिरकार यह परियोजना जमीन से उड़ान भरने के लिए तैयार है।
सड़क और आसमान, दोनों के लिए डिजाइन
कंपनी का दावा है कि यह कोई फ्लाइंग टैक्सी नहीं, बल्कि एक असली फ्लाइंग कार है, जो सड़क पर चलने और हवा में उड़ने, दोनों में सक्षम है। एलेफ मॉडल ए अल्ट्रालाइट एक रोड-लीगल वाहन भी है और एक ऐसा एयरक्राफ्ट भी, जो बिना पंखों के eVTOL तकनीक के जरिए वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकता है। कार के बोनट और बूट में छिपे आठ प्रोपेलर इसे किसी भी समय उड़ान भरने में मदद करते हैं।
सड़क पर यह कार एक सामान्य इलेक्ट्रिक वाहन की तरह चलती है, जिसमें हर पहिए में छोटा इलेक्ट्रिक मोटर लगाया गया है। उड़ान के दौरान ड्राइवर सीट के चारों ओर लगे पावरफुल प्रोपेलर कार को लगभग 177 किलोमीटर प्रति घंटे की क्रूजिंग स्पीड तक पहुंचा सकते हैं। कार का कार्बन-फाइबर मेश बॉडी डिजाइन हवा को गुजरने देता है और प्रोपेलर को सुरक्षित रूप से ढककर रखता है। इसमें पायलट और एक यात्री के बैठने की जगह है। कंपनी के अनुसार, जमीन पर इसकी रेंज करीब 321 किलोमीटर और हवा में उड़ते समय लगभग 177 किलोमीटर होगी।
सीखना आसान,लेकिन सीमाएं बरकरार:
कंपनी का दावा है कि इस फ्लाइंग कार को चलाना और उड़ाना अपेक्षाकृत आसान है और इसे सीखने में करीब 15 मिनट लग सकते हैं। हालांकि, अल्ट्रालाइट लो-स्पीड व्हीकल के रूप में वर्गीकृत होने के कारण यह सार्वजनिक सड़कों पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से ही चल सकेगी। भले ही इसकी तकनीकी क्षमता इससे ज्यादा हो।
एलेफ एयरोनॉटिक्स को 2023 में अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन से एयरवर्थिनेस सर्टिफिकेशन मिल चुका है। कंपनी का कहना है कि उसे अब तक 3,500 प्री-ऑर्डर मिल चुके हैं, जिनकी कुल कीमत 800 मिलियन पाउंड से ज्यादा है। हालांकि, शुरुआती ग्राहकों को बहुत नियंत्रित परिस्थितियों में ही इस कार को उड़ाने की अनुमति दी जाएगी और उन्हें विशेष ट्रेनिंग भी लेनी होगी।
आम लोगों तक पहुंचने में लगेगा समय:
फिलहाल कंपनी बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। हर कार को रोबोटिक, औद्योगिक और मैन्युअल प्रक्रियाओं के संयोजन से बनाया जा रहा है और कई स्तरों पर परीक्षण किए जा रहे हैं। सीईओ का कहना है कि भविष्य में उत्पादन प्रक्रिया को ऑटोमेटेड किया जाएगा और तब इसकी कीमत काफी कम होकर करीब 25,000 पाउंड तक आ सकती है। लेकिन तब तक, फ्लाइंग कारों का यह सपना सीमित लोगों के लिए ही साकार होगा।(साभार एजेंसी)
