जयंत नार्लीकर को विज्ञान रत्न पुरस्कार

National News

(नई दिल्ली)26अक्टूबर,2025.

प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नार्लीकर को विज्ञान रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह देश का शीर्ष विज्ञान पुरस्कार है। सरकार ने इसके साथ ही 2025 के लिए आठ विज्ञान श्री पुरस्कारों और 14 विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की है।

नार्लीकर ने बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती दी, जिसके अनुसार ब्रह्मांड एक ही क्षण में बना था। उन्होंने ब्रिटिश खगोलशास्त्री फ्रेड हॉयल के साथ मिलकर यह प्रतिपादित किया कि ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में रहा है और अनंत काल तक नए पदार्थों का निरंतर निर्माण होता रहा है। नार्लीकर का इसी वर्ष 20 मई को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार देश का शीर्ष विज्ञान पुरस्कार है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के दूसरे संस्करण 2025 के विजेताओं की घोषणा शनिवार को राष्ट्रीय पुरस्कारों की वेबसाइट awards.gov.in पर की गई।

पुरस्कार 2023 में शुरू किया गया था। गेहूं प्रजनक माने जाने वाले प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को कृषि विज्ञान क्षेत्र में योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के भौतिकी समूह के निदेशक यूसुफ मोहम्मद शेख ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार जीता। कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र केके थंगराज ने जैविक विज्ञान के क्षेत्र में और आईआईटी-मद्रास के प्रदीप थलप्पिल ने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार जीता। वहीं, अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित (इंजीनियरिंग विज्ञान), एस वेंकट मोहन (पर्यावरण विज्ञान), माहन एमजे (गणित और कंप्यूटर विज्ञान) और जयन एन (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी) को भी विज्ञान श्री से नवाजा जाएगा।

सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) अरोमा मिशन टीम, जिसने जम्मू और कश्मीर में लैवेंडर मिशन की शुरुआत की, को विज्ञान टीम पुरस्कार के लिए नामित किया गया।

विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं में जगदीस गुप्ता कपुगंती (कृषि विज्ञान), सतेंद्र कुमार मंगरौठिया (कृषि विज्ञान), देबरका सेनगुप्ता (जैविक विज्ञान), दीपा अगाशे (जैविक विज्ञान), दिब्येंदु दास (रसायन विज्ञान), वलीउर रहमान (पृथ्वी विज्ञान), अर्काप्रवा बसु (इंजीनियरिंग विज्ञान), सब्यसाची मुखर्जी (गणित और कंप्यूटर विज्ञान), श्वेता प्रेम अग्रवाल (गणित और कंप्यूटर विज्ञान), सुरेश कुमार (चिकित्सा), अमित कुमार अग्रवाल (भौतिकी), सुरहुद श्रीकांत मोरे (भौतिकी), अंकुर गर्ग (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी), और मोहनशंकर शिवप्रकाशम (प्रौद्योगिकी और नवाचार) शामिल हैं(साभार एजेंसी)

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