उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में हुआ है उल्लेखनीय सुधार :मंत्री डॉ धन सिंह रावत

Uttarakhand News

(देहरादून)03अक्टूबर,2025.

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने आज हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की वर्ष 2025 की प्रथम तथा वर्ष 2024 की तृतीय परीक्षाफल सुधार परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं। बोर्ड द्वारा जारी परीक्षा परिणामों के तहत हाईस्कूल में 81.38 और इंटरमीडिएट में 76.27 फीसदी बच्चों ने अंक सुधार परीक्षा में बाजी मारी है। इसके साथ ही वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा के कुल परीक्षाफल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि एनईपी के प्रावधानों के तहत प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण रह गए छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार का अवसर दिया जाता है। इसी क्रम में बोर्ड ने इस बार 4 से 11 अगस्त तक 97 परीक्षा केंद्रों पर अंक सुधार परीक्षा का आयोजन किया और आज हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की वर्ष 2025 की प्रथम तथा वर्ष 2024 की तृतीय परीक्षाफल सुधार परीक्षा के नतीजे घोषित किए हैं।

उन्होंने बताया कि “वर्ष 2025 की प्रथम अंक सुधार परीक्षा के लिए हाईस्कूल में 6657 और इंटरमीडिएट में 9154 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से हाईस्कूल में 81.38 प्रतिशत और इंटरमीडिएट में 76.27 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुए। इसके परिणामस्वरूप हाईस्कूल की मुख्य परीक्षाफल में 4.40 फीसदी की वृद्धि हुई है और कुल परिणाम 90.77 से बढ़कर 95.17 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार इंटरमीडिएट के परिणाम में 6.30 फीसदी की वृद्धि हुई है और कुल परीक्षाफल 83.23 से बढ़कर 89.53 प्रतिशत हो गया है।”

मंत्री ने आगे कहा कि “वर्ष 2024 की तृतीय अंक सुधार परीक्षा भी आयोजित की गई थी, जिसमें हाईस्कूल का परिणाम 65.79 और इंटरमीडिएट का परिणाम 60.48 प्रतिशत रहा। उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के फेल छात्र-छात्राओं को पास होने के लिए तीन मौके दिए जाते हैं। वर्ष 2025 के छात्रों के लिए यह पहला मौका था, जबकि वर्ष 2024 के छात्रों के लिए यह अंतिम मौका था।”

डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि “हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार परीक्षा के माध्यम से एक और अवसर दिया गया था। इन परीक्षार्थियों ने कड़ी मेहनत और निरंतर लगन से यह सिद्ध कर दिया है कि संकल्प और आत्मविश्वास के बल पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। छात्र-छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के साथ ही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल परीक्षाफल में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

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