एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज की सीटें हुई 200

Uttarakhand News

( देहरादून)14सितम्बर,2025.

देवभूमि की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गर्व का क्षण आया है क्योंकि श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज की एमबीबीएस सीटें अब बढ़कर 200 हो गई हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की एमबीबीएस सीटों को 150 से बढ़ाकर 200 सीटों का अनुमोदन पत्र जारी किया है। इस महत्वपूर्ण जानकारी की पुष्टि संस्थान के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक ने की। इस उपलब्धि पर संस्थान के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सभी फैकल्टी सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफलता कॉलेज के प्रत्येक कर्मचारी की मेहनत, लगन और समर्पण का परिणाम है।

राज्य का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज बना श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज

वर्ष 2006 से उत्तराखण्ड में सेवाएं दे रहा श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज अब प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज बन गया है। वर्तमान में कॉलेज में 200 एमबीबीएस सीटों के साथ-साथ पीजी की 162 और डीएम-एमसीएच की 19 सुपर स्पेशियलिटी सीटें उपलब्ध हैं। मेडिकल काॅलेज से संबद्ध श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल (एस.जी.आर.आर.) एक अत्याधुनिक टीचिंग अस्पताल है, जहाँ प्रतिदिन हजारों मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। इसीलिए इस अस्पताल को पश्चिम उत्तर प्रदेश एवम् उत्तराखण्ड की लाइफ लाइन भी कहा जाता है।

पर्याप्त क्लीनिकल मैटीरियल, छात्र-छात्राओं को सीखने के लिए अत्याधिक मरीजों की संख्या

हाल ही में एनएमसी द्वारा किए गए मूल्यांकन में कॉलेज की मूलभूत सुविधाएँ, अनुभवी फैकल्टी, पर्याप्त फैकल्टी संख्या, अत्याधुनिक लैब, पर्याप्त क्लीनिकल मैटीरियल, छात्रों को सीखने के लिए अत्याधिक मरीजों की संख्या, समृद्ध लाइब्रेरी और शोध कार्यों सहित विभिन्न बिन्दुओं का मूल्यांकन किया गया, जिसमें संस्थान हर कसौटी पर खरा उतरा।

उत्कृष्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, श्रेष्ठ फैकल्टी और अत्याधुनिक शोध सुविधाओं के बल पर मिली ऐतिहासिक उपलब्धि

एमबीबीएस सीटों में इस ऐतिहासिक वृद्धि से प्रदेश के युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के और अधिक अवसर मिलेंगे। साथ ही उत्तराखण्ड की स्वास्थ्य सेवाएँ और अधिक मजबूत होंगी। एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज की यह उपलब्धि प्रदेश के लिए चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों की ओर एक बड़ा कदम है।(साभार एजेंसी)

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