(देहरादून) 08सितम्बर,2025.
देवभूमि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर और मूल स्वरूप को सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा चलाया जा रहा “ऑपरेशन कालनेमि” राज्यभर में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त वैधानिक कार्यवाही करना है, जो अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर समाज में घुलमिलकर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे थे और ठगी, धोखाधड़ी एवं धर्मान्तरण जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड श्री नीलेश आनन्द भरणे ने प्रेस ब्रीफिंग में अभियान के दौरान अब तक की गयी कार्यवाही और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक पूरे प्रदेश में 5500 से अधिक लोगों का सत्यापन किया गया है, जिनमें से 14 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है तथा कुल 1182 व्यक्तियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही अमल में लायी गयी है। बड़ी संख्या में संदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच, ठगी से जुड़े मामलों का पर्दाफाश और बाहरी तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है।
जिलावार कार्यवाही में सबसे अधिक प्रभाव हरिद्वार और देहरादून जिलों में देखा गया, जहाँ बाहरी तत्वों की सक्रियता की सूचना मिली थी। हरिद्वार जिले में 2704 व्यक्तियों का सत्यापन कर 3 गिरफ्तारियां की गईं, जबकि देहरादून जिले में 922 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया और 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल और अन्य जिलों में भी पुलिस द्वारा निरंतर सघन कार्यवाही की जा रही है।
“ऑपरेशन कालनेमि” ने समाज में यह सकारात्मक संदेश दिया है कि उत्तराखण्ड पुलिस किसी भी ऐसे तत्व को बख्शने के पक्ष में नहीं है, जो देवभूमि की पवित्रता और जनता की आस्था के साथ छल करता है। पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है कि प्रदेश की पवित्र छवि अक्षुण्ण बनी रहे। इस दिशा में प्रत्येक जिले में सतत निगरानी और सत्यापन अभियान आगे भी जारी रहेगा। इस अभियान के माध्यम से पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज और संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
कार्रवाई में सामने आया कि कई असामाजिक तत्व फर्जी पहचान और धोखाधड़ी के जरिये श्रद्धालुओं को ठगने और उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने में लिप्त थे। पुलिस ने इन पर शिकंजा कसते हुए ठगी, जालसाजी और जबरन धर्मांतरण जैसी गतिविधियों में शामिल गिरोहों को चिन्हित कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
अभियान के दौरान विभिन्न जिलों में विशेष सत्यापन अभियान चलाए गए, जिसमें हरिद्वार और देहरादून पुलिस की कार्रवाई सबसे अधिक प्रभावी रही। इसके अलावा रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में सत्यापन किया गया।
विदेशी नागरिकों के सत्यापन में भी कई संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें अवैध रूप से ठहरने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर धार्मिक स्थलों के आसपास सक्रिय रहने की जानकारी मिली। पुलिस ने इनके खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रदेश पुलिस ने स्पष्ट किया है कि “ऑपरेशन कालनेमि” आगे भी निरंतर जारी रहेगा और देवभूमि की पवित्रता तथा धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
