आर्थिक दृष्टि से लाभकारी होती चारधाम यात्रा

Uttarakhand News

( देहरादून ) 19जून, 2025.

उत्तराखण्ड “चारधाम यात्रा 2025” में अब तक करीब 32 लाख यात्री पहुंच चुके हैं। तीर्थयात्री अब चारधामों के साथ ही अन्य मंदिरों/तीर्थ स्थलों में भी पहुंच रहे हैं। जिससे चारधाम यात्रा मार्ग की तरह, अन्य स्थानों पर भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए, सभी क्षेत्रों में तीर्थाटन, पर्यटन की गतिविधियां तेज होना जरूरी है। उत्तराखण्ड देवभूमि है, यहां प्रत्येक देवालय का अपना महत्व है। सरकार सभी तीर्थ स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं का विकास करने का प्रयास कर रही है।

32 लाख पार हुई चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या:

इस यात्रा वर्ष में चारधाम और श्री हेमकुंड के लिए कुल पंजीकरण की संख्या 44 लाख से अधिक हो चुकी है। इसमें यमुनोत्री धाम के लिए 7,13,456, गंगोत्री के लिए 7,80,554, केदारनाथ के लिए 14,43,513, बदरीनाथ के लिए 13,36,923 और हेमकुंट के लिए 1,69,180 पंजीकरण हुए हैं, जिसमें से अब तक करीब 32 लाख तीर्थयात्री यात्रा पूरी कर चुके हैं।

चारधाम यात्रा मार्ग पर इसका सकारात्मक आर्थिक प्रभाव नजर आ रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार, अन्य तीर्थ स्थलों और धामों के भी प्रचार-प्रसार पर जोर देते रहे हैं, ताकि तीर्थयात्रियों के आने से इन क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो सके। इसका सकारात्मक असर रुद्रप्रयाग स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर, उत्तरकाशी स्थित जगन्नाथ मंदिर के साथ ही अन्य मदिंरों में आने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या के रूप में नजर आने लगा है।

आंकड़ों के अनुसार कार्तिक स्वामी मंदिर में गत वर्ष करीब चार लाख तीर्थ यात्री पहुंचे थे, जबकि इस बार यह संख्या जून मध्य तक ही 10 लाख के पार पहुंच गई है। उत्तरकाशी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी इस वर्ष अब तक 25 हजार तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। जिस कारण अब चारधाम यात्रा मार्ग की तरह अन्य स्थानों पर भी होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन, प्रसाद सहित तमाम तरह की गतिविधियां बढ़ रही हैं।इस बढ़ती संख्या से जहाँ पहाड़ों में स्थानीय व्यापारियों को मुनाफा हो रहा है तो वहीँ राजस्व में भी शानदार वृद्धि दिखाई दे रही है।

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