पेरिस में रणनीतिक समुदाय से मिले जयशंकर,भारत-यूरोप साझेदारी और वैश्विक बदलावों पर मंथन

National News

(नई दिल्ली )15जून,2025.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, फ्रांस की अपनी चार दिवसीय यात्रा पूरी कर भारत लौटे। उन्होंने पेरिस में रणनीतिक मामलों से जुड़े विशेषज्ञों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने वैश्विक स्तर पर हो रहे संतुलन बदलाव, डेटा, तकनीक और ऊर्जा के बढ़ते महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और यूरोप के बीच मजबूत साझेदारी की बड़ी संभावनाएं हैं। जयशंकर ने इस मुलाकात को सुखद अनुभव बताया और इसे दोनों पक्षों के बीच विचार-विमर्श और सहयोग को आगे बढ़ाने वाला बताया।

आतंकवाद पर समर्थन की सराहना की:
अपने फ्रांस दौरे के दौरान जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लिए फ्रांस के मजबूत समर्थन की सराहना की। इस दौरान उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो से मुलाकात की। इन बैठकों में दोनों देशों के बीच भरोसे, सहयोग और साझा लक्ष्यों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

साथ ही इस यात्रा के दौरान भारत और फ्रांस ने ‘हॉराइजन 2047 रोडमैप’ और ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप’ को पूरी तरह लागू करने पर सहमति जताई। इन योजनाओं के जरिए रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत किया जाएगा।

बैठक के दौरान इन मुद्दों पर जोर:
दोनोें पक्षों ने तकनीक, नवाचार, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, निवेश, जीवन विज्ञान, संग्रहालय सहयोग और लोगों के बीच संबंधों जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग की प्रगति पर संतोष जताया। उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सहित वैश्विक मुद्दों पर फ्रांसीसी नेतृत्व के साथ विचार साझा किए और भारत-फ्रांस के दृष्टिकोण में समानता पर बल दिया।

पेरिस की राष्ट्रीय पुस्तकालय का भी किया दौरा:
जयशंकर ने पेरिस में फ्रांस की राष्ट्रीय पुस्तकालय का दौरा कर वहां मौजूद भारतीय पांडुलिपियों का अवलोकन किया और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण में सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की। इसके साथ ही उन्होंने मार्से में आयोजित पहले ‘मेडिटेरेनियन रईसिना डायलॉग’ में हिस्सा लिया और वैश्विक भू-राजनीतिक मुद्दों पर विचार साझा किए।

राष्ट्रीय पुस्तकालय का भी किया दौरा:

जयशंकर ने फ्रांस की राष्ट्रीय पुस्तकालय का दौरा भी किया, जहां उन्होंने भारतीय शास्त्रीय पांडुलिपियों और ग्रंथों का संग्रह देखा। जयशंकर ने कहा कि यह दौरा फ्रांस में इंडोलॉजी (भारतीय अध्ययन) की गहराई का परिचायक है। उन्होंने पुस्तकालय के अध्यक्ष गिल्स पेको से मुलाकात कर सांस्कृतिक विरासत संरक्षण में सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की (साभार एजेंसी)

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