अन्नदाताओं का रखा ख्याल,खेती से बढ़ेगा स्वरोजगार

Uttarakhand News

( देहरादून) 21फरवरी,2025.

स्वरोजगार को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए पहली बार ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए इतनी बड़े बजट का प्रावधान किया गया है।

धामी सरकार ने बजट में अन्नदाताओं की आमदनी बढ़ाने के लिए खेती-किसानी को प्राथमिकता दी है। पहली बार प्रदेश में ट्राउट मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 146 करोड़ बजट का प्रावधान किया है। इससे मछली पालन से स्वरोजगार के अवसर पर उपलब्ध होंगे। ऊधमसिंह नगर जिले में राज्य स्तरीय इंटीगग्रेटेड एक्वा पार्क व होलसेल फिश मार्केट स्थापित की जाएगी। इसके अलावा मोटे अनाजों, जैविक व एरोमा खेती, सेब मिशन, दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है।

स्वरोजगार को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए पहली बार ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए इतनी बड़े बजट का प्रावधान किया गया है। आईटीबीपी बटालियन को जीवित भेड़ बकरी और कुक्कुट आपूर्ति योजना के लिए 13.66 करोड़ और किसान पेंशन योजना के लिए 42.18 करोड़ का प्रावधान किया गया। स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग व पैकेजिंग के लिए हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड को 15 करोड़ की राशि की व्यवस्था की गई।

प्रदेश में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सेब मिशन योजना में अनुदान के लिए 35 करोड़ का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के लिए 25 करोड़, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 12.43 करोड़, झंगोरा, मंडुवा व अन्य मोटे अनाजों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने व उत्पादन बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन में चार करोड़ की व्यवस्था की गई। इसके अलावा स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए 5.75 करोड़, प्राकृतिक खेती के लिए 3.22 करोड़ का प्रावधान किया गया।

सहकारिता किसान कल्याण के लिए 85 करोड़:
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने बजट में दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 85 करोड़ का प्रावधान किया है। इससे सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को वित्तीय सहायता का लाभ मिलेगा।

दुग्ध उत्पादक किसानों के प्रोत्साहन को 30 करोड़:
प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहकारी समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को प्रदेश सरकार की ओर से दूध की गुणवत्ता पर अलग से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके लिए बजट में 30 करोड़ का प्रावधान किया गया। इसके लिए गंगा गाय महिला डेरी विकास योजना के तहत महिलाओं को दुग्ध व्यवसाय के लिए तीन या पांच दुधारू गाय देने के लिए पांच करोड़ की व्यवस्था की गई। दुग्ध सहकारी समितियों के किसानों को पशुचारा के लिए साइलेज पर 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए 40 करोड़ बजट का प्रावधान किया गया।

ट्राउट मछली उत्पादन से मिलेगा स्वरोजगार:
बाजार में ट्राउट मछली की मांग को देखते हुए बजट में ट्राउट उत्पादन को प्राथमिकता दी गई। पहली बार ट्राउट मछली उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 146 करोड़ का प्रावधान किया है। इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में उत्तरकाशी व चमोली जिले में कुछ किसान ही ट्राउट मछली का उत्पादन कर रहे हैं।

बद्री गाय के दूध से तैयार घी की होगी जीआई टैगिंग
सरकार ने बद्री गाय के घी की लांचिंग की है। बद्री घी के प्रचार-प्रसार के साथ जीआई टैगिंग कराई जाएगी। जिससे वैश्विक स्तर पर जीआई टैगिंग से बद्री गाय के घी को पहचान मिलेगी।(साभार एजेंसी)

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