उत्तराखंड के इस गांव में चार दशक बाद मना दीपोत्सव,जन्मभूमि को लेकर दिखा प्यार,मिलकर मनाया त्योहार

Uttarakhand News

(चमोली)01नवंबर,2024.

उत्तराखंड के एक गांव में चार दशक बाद “दीपोत्सव” मनाया गया। लोगों ने इस पल को यादगार बनाया। अपनी जन्मभूमि को लेकर लोगों में प्यार दिखा।

दिवाली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया गया, लेकिन उत्तराखंड के एक गांव में इस बार दिवाली कुछ खास रही। पलायन से खाली हो रहे गांवों के प्रति प्रवासियों का लगाव बढ़ने लगा है। गांवों में ख़ास तौर पर सड़क सुविधाएं होने से प्रवासी अपने पैतृक घरों को ठीक कर उनमें रहने भी लगे हैं।

ऐसा ही मामला है कर्णप्रयाग के स्वर्का गांव का। इस गांव के मुख्य तोक से कई परिवार सालों पहले पलायन कर दिल्ली सहित अन्य जगह बस गए। दो साल पहले यहां प्रवासी युवा प्रदीप मैखुरी और डॉ संजय मैखुरी ने अपने पुराने घरों में दीए जलाकर दिवाली मनाई। जिसके बाद अब इन युवाओं ने घर बनाए हैंं।

इन घरों में इनके बुजर्ग रह रहे हैं और इस बार चार दशक बाद अपने घरों में दिवाली मनाई। प्रदीप के पिता बल्लभ प्रसाद कहते हैं कि गांव में युवास्था के दिन याद आए। अपने घर में भैलो (जलती लकड़ियों को रस्सी पर बांधकर घुमाना ) भी खेला। नाच गान भी हुआ।

ईष्ट देवी देवताओं की पूजा भी की। गांव के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता टीका प्रसाद मैखुरी कहते हैं कि गांव में सड़क पहुंचने के बाद दो परिवारों ने अपने नए घर बनाए हैं। तीन परिवारों ने मरम्मत की है. जबकि दो अन्य अपने मकानों का जीर्णोद्धार कर नया बनवा रहे हैं। ऐसे में गांव जहां पलायन की त्रासदी से खाली हो रहा था वहीं अब प्रवासियों की पहल से गांव में रौनक़ लौटने की उम्मीद बन रही है। खास तौर पर तीज त्योहार और सामजिक सार्वजनिक कार्यों में गांव गुलजार हो रहा है(साभार एजेंसी)

Share it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *