भव्य सांस्कृतिक संध्या:दूरदर्शन केंद्र,देहरादून ने मनाया स्थापना दिवस

Uttarakhand News

(देहरादून)13अगस्त,2025.

उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और दूरदर्शन की गौरवमयी परम्परा के अद्भुत संगम के रूप में, दूरदर्शन केंद्र, देहरादून ने अपना रजत जयंती समारोह (25वाँ स्थापना दिवस) संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह सभागार में भव्य सांस्कृतिक संध्या “कलादर्शनम” के रूप में आयोजित किया।

इस अवसर पर दूरदर्शन परिवार के सदस्य,आमंत्रित कलाकारों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।

समारोह में उपस्थित विशिष्ट व्यक्तियों में पद्मश्री से सम्मानित डॉ. माधुरी बड़थ्वाल, डॉ. बसंती बिष्ट, डॉ. बी. के. एस संजय, कल्याण सिंह रावत “मैती”, डॉ. प्रीतम भारतवाण भी सम्मिलित थे। अतिथियों के औपचारिक स्वागत के बाद दीप प्रज्वलन के साथ सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया गया।

विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के आशीर्वाद हेतु सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात प्रसार भारती के क्लस्टर हेड, उपमहानिदेशक (अभियांत्रिकी) सुरेश कुमार मीणा ने अपने स्वागत संबोधन में दूरदर्शन केंद्र, देहरादून की विकास यात्रा, उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

संगीत की शास्त्रीय धारा में डुबोते हुए आकाशवाणी के टॉप ग्रेड कलाकार पंडित रोबिन करमाकर ने सितार पर राग देस की मनमोहक प्रस्तुति से समा बांध दिया। तबले की संगत पर सितार पर बजते सुरों के आरोह अवरोह के साथ तमाम दर्शक मंत्रमुग्ध होकर डूबते उतराते रहे। इसके पश्चात आकाशवाणी के बी हाई ग्रेड कलाकार सनव्वर अली खान और शाहरुख खान ने गजल गायन से वातावरण को सुरमयी बना दिया। लोकसंस्कृति की विविध छटाएँ बिखेरते हुए राहुल वर्मा एवं समूह ने जौनसारी लोक नृत्य पोली एवं समूह ने गढ़वाली लोक नृत्य तथा मनोज सामंत एवं सहयोगी कलाकारों ने कुमाऊँनी लोक गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों को प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। अंत में कार्यक्रम प्रमुख, सहायक निदेशक (कार्यक्रम) अनिल कुमार भारती ने उपस्थित सभी जनों के प्रति औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन योगम्बर पोली और रोशनी खंडूड़ी ने किया।

दूरदर्शन केंद्र, देहरादून की यह “सांस्कृतिक संध्या” न केवल उत्तराखण्ड की लोक-परम्पराओं और संगीत-साहित्य की धारा को पुनर्जीवित करने का प्रयास थी, बल्कि यह दूरदर्शन की उस विरासत का भी उत्सव था, जो पिछले 25 वर्षों से दर्शकों तक सत्य, संस्कृति और सरसता का संदेश पहुँचाती आ रही है। कार्यक्रम निर्माता हेमंत सिंह राणा, नरेंद्र सिंह रावत और पवन गोयल के साथ तमाम स्टाफ ने कार्यक्रम का सुंदर संयोजन किया। दूरदर्शन की यह विशेष सांस्कृतिक संध्या अर्से तक दर्शकों को याद रहेगी।

Share it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *