(चमोली)16मई,2025.
बदरीनाथ हाईवे पर हेलंग-मारवाड़ी (6.5 किमी) बाईपास मार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मार्ग पर हिल कटिंग के साथ ही प्रथम चरण का डामर भी बिछाया जा रहा है। अभी तक हाईवे पर करीब चार किलोमीटर की हिल कटिंग का काम पूरा हो गया है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि यदि मौसम ने साथ दिया तो वर्ष 2026 के अंत तक हाईवे का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा।
बता दें कि ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत निर्मित हो रहे हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग का निर्माण बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा के साथ ही चीन सीमा क्षेत्र में भारतीय सेना की आवाजाही के लिए बेहद लाभकारी बताया जा रहा है। यह मार्ग ज्योतिर्मठ से करीब 13 किलोमीटर पहले हेलंग से शुरू होकर ज्योतिर्मठ के दूसरे छोर पर स्थित मारवाड़ी पुल तक पहुंचेगा।
हेलंग और मारवाड़ी से हाईवे की हिल कटिंग होने के साथ ही डबललेन डामरीकरण कार्य भी किया जा रहा है। यह पहले चरण का डामर बिछाया जा रहा है। पूरी सड़क निर्मित होने के बाद इसके ऊपर फिर से डामर बिछाया जाएगा। हाईवे पर एक बड़ा और दो छोटे मोटर पुल भी प्रस्तावित हैं। इनके साथ ही कई जगहों पर कल्वर्ट का निर्माण कार्य भी चल रहा है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण होने का लक्ष्य वर्ष 2026 रखा गया है। उम्मीद है कि हाईवे का निर्माण तय समय पर पूर्ण कर लिया जाएगा।
ज्योतिर्मठ भू-धंसाव के कारण प्रभावित रहा मार्ग निर्माण कार्य:
वर्ष 2022 के जुलाई माह में सरकार ने बाईपास निर्माण के लिए 190 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जिसके बाद अगस्त माह से निर्माण कार्य शुरू हुआ। मार्ग निर्माण के लिए पेड़ों के कटान के बाद हिल कटिंग शुरू ही हुई थी कि वर्ष 2023 में ज्योतिर्मठ भू-धंसाव की घटना सामने आ गई। ज्योतिर्मठ क्षेत्र में तत्काल निर्माण कार्यों को रोक दिया गया। जिसके चलते बाईपास मार्ग का निर्माण भी रुक गया। जब मार्ग निर्माण कार्य ठप हुए छह माह से अधिक का समय हो गया तो बीआरओ की मांग पर सरकार ने आईआईटी रुड़की को जियो टेक्निकल सर्वे कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। रिपोर्ट में निर्माण कार्य को सही बताया गया, जिसके बाद बाईपास का निर्माण शुरु हो पाया।(साभार एजेंसी)